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जमीन की हेराफेरी पर मंत्री सख्त, बोले- संलिप्त अफसरों पर होगी कार्रवाई Ranchi News

Jharkhand. हेमंत सोरेन और पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की भूमि को लेकर उत्पन्न विवाद पर बोलने से परहेज करते हुए मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि हेराफेरी करने वालों पर कार्रवाई होगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 12:36 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 12:37 PM (IST)
जमीन की हेराफेरी पर मंत्री सख्त, बोले- संलिप्त अफसरों पर होगी कार्रवाई Ranchi News
जमीन की हेराफेरी पर मंत्री सख्त, बोले- संलिप्त अफसरों पर होगी कार्रवाई Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की भूमि को लेकर उत्पन्न विवाद पर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार मंत्री अमर कुमार बाउरी ने साफ-साफ कुछ भी बोलने से परहेज किया है। उन्होंने दावा किया है कि जमीन की हेराफेरी करने वालों पर कानून का शिकंजा कसेगा। दोनों ही मामले में सरकार ने विधि सम्मत कार्रवाई का निर्देश उपायुक्त को दे रखा है। जांच में इरादतन विलंब न हो, इसपर सरकार की नजर है।

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उन्होंने कहा कि जमीन के खेल में शामिल जवाबदेह कर्मचारियों और पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। सोमवार को सूचना भवन मीडिया से मुखातिब अमर बाउरी पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आदिवासी भूमि की खरीद-बिक्री के मामले में थाना क्षेत्र की बाध्यता खत्म करने के मसले पर मंत्रणा चल रही है। पूर्व में थाना क्षेत्र का फैलाव बड़े भूभाग में हुआ करता था। ऐसे में जमीन खरीदने की तिथि भी मायने रखेगी।

देवाशीष गुप्ता की रिपोर्ट पर जिला स्तर पर हो रही कार्रवाई

सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर राज्य में आदिवासी भूमि की खरीद-बिक्री में हुए घपले की जांच के लिए देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट पर जिला स्तर पर कार्रवाई हो रही है। सरकार ने संबंधित जिलों को रिपोर्ट की कॉपी साल-डेढ़ साल पहले ही भेज दी गई है। राजस्व मंत्री ने पत्रकारों को यह जानकारी दी।

तीन वर्षों से घट रहा राजस्व, अफसरों की भी किल्लत

राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार विभाग को निबंधन मद में प्राप्त होने वाली राशि में बीते तीन वित्तीय वर्षों में गिरावट आई है। 2016-17 में 900 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध जहां 607.03 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे, वहीं 2017-18 में 465.64 करोड़ हासिल हुए। 2018-19 में यह लक्ष्य घटाकर 700 करोड़ रुपये कर दिए गए। इस दौरान 448.14 करोड़ रुपये के ही राजस्व उगाही हुई। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में डीसीएलआर के स्वीकृत 45 पदों में से 33, 24 भू-अर्जन पदाधिकारियों में से 19, जबकि अंचलाधिकारी के 268 में से 110 पद रिक्त हैं।

निबंधन के नाम पर 238 महिलाओं ने किया फर्जीवाड़ा

एक रुपये में 50 लाख रुपये मूल्य तक की अचल संपत्ति की रजिस्ट्री के नाम पर 238 महिलाओं द्वारा फर्जीवाड़े करने की रिपोर्ट विभाग तक पहुंची है। इन महिलाओं ने जीवन में एक बार निबंधन के प्रावधान को धता बताते हुए एक से अधिक बार निबंधन कराया था। विभागीय मंत्री के अनुसार इससे राजस्व मद में एक करोड़ सात लाख रुपये का नुकसान हुआ था। सरकार ने इसके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 78 महिलाओं से 27.90 लाख रुपये की वसूली की है।

विभाग के खाते में उपलब्धियां भी कम नहीं

  • बिहार में पड़े झारखंड के 42 हजार कैडस्ट्रल सीट लाए गए। नक्शा के लिए बिहार जाने की जरूरत नहीं। 200 रुपये के भुगतान पर यहीं हासिल हो सकता नक्शा।
  • विभाग में आई पारदर्शिता। अब घर बैठे कटा सकते हैं ऑनलाइन रसीद। पैतृक परिसंपत्तियों का बंटवारा अब महज 100 रुपये में।
  • दूर हुई भू-लगान रसीद कटने की परेशानी। पुराने रसीद और अन्य कागजात का मिलान कर हो रही कार्रवाई।
  • संदेहास्पद जमाबंदी रद करने की हो रही कार्रवाई। सभी के लिए आवास नीति के तहत एक जनवरी 1985 से पूर्व शहरी क्षेत्र में आवासित परिवारों को 10 डिसमिल जमीन देने का नीतिगत निर्णय।
  • लीज नवीकरण की दर घटी। अब आवासीय प्रकृति की एक लाख रुपये प्रति एकड़ मूल्य वाली जमीन का नवीकरण 80 हजार की जगह 20 हजार में। जमीन को फ्री होल्ड करने की चल रही कार्रवाई।
  • 1947 से 1970 तक निबंधित दस्तावेज के डिजिटाइजेशन एवं स्कैनिंग का काम अक्टूबर तक होगा पूरा। 1971 से 2008 तक का डिजिटाइजेशन वर्क हो चुका पूरा।
  • नेशनल जेनेरिक डीड रजिस्ट्रेशन सिस्टम अंगीकृत। अब 15 से 20 मिनट में होगी रजिस्ट्री।

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