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रह‍िए होश‍ियार, जंगल छोड़ कर अब शहर में अपना ठ‍िकाना बना रहे उग्रवादी और माओवादी

Jharkhand Crime News नक्सली (Naxalites) और उग्रवादी (Extremists) घने जंगल (Jungle) के बजाय शहर (City) में ही अपना ठिकाना बना रहा है। रिमोट एरिया (Remote Are) को छोड़कर राजधानी रांची (Ranchi) में आराम से रहता है। खुद को बड़ा कारोबारी (Businessman) और नौकरीपेशा (Employed) बताता है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 08:15 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 10:21 AM (IST)
रह‍िए होश‍ियार, जंगल छोड़ कर अब शहर में अपना ठ‍िकाना बना रहे उग्रवादी और माओवादी
झारखंड में अब जंगल छोड़ कुख्यात उग्रवादी शहर में बना रहे ठिकाना

रांची, जागरण संवाददाता। Jharkhand Crime News : नक्सली (Naxalites) और उग्रवादी (Extremists) घने जंगल (Jungle) के बजाय शहर (City) में ही अपना ठिकाना बना रहा है। रिमोट एरिया (Remote Are) को छोड़कर राजधानी रांची (Ranchi) में आराम से रहता है। उग्रवादियों (Extremists) की शहर में दस्तक खतरे की घंटी से कम नहीं है। ये उग्रवादी पनाह लेने के लिए खुद को बड़ा कारोबारी (Businessman) और नौकरीपेशा (Employed) बताता है। भोले-भाले युवाओं को पैसा कमाने का लालच देकर फांसता है और अपना साम्राज्य विस्तार करता है।

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छिपे होने की जानकारी तब मिलती है, जब वो अपना ठिकाना छोड़कर जा चुका होता है

कई बार तो पुलिस को उग्रवादियों के शहर में छिपे होने की जानकारी तब मिलती है, जब वो अपना ठिकाना छोड़कर जा चुका होता है। जगन्नाथपुर इलाके का झुग्गी झोपड़ी नक्सलियों व उग्रवादियों के लिए सबसे सुरक्षित पनाहगार है। एक माह पूर्व जगन्नाथपुर इलाके में ही पीएलएफआइ सुप्रीमो ने निवेश के बड़े भाई प्रवीण के घर पर पनाह लिया था।

वहीं, बीते दिनों पुलिस मुठभेड़ में मारा गया पीएलएफआइ में नंबर दो माने जाने वाला जीदन की पत्नी गुड़िया भी जगन्नाथपुर इलाके में ही रहती थी। जीदन बराबर अपनी पत्नी से मिलने जगन्नाथपुर आया करता था।

गिरफ्त में आये उग्रवादियों से मिले कई अहम सुराग

बड़े कारोबारी और नौकरीपेशा होने की बात कह राजधानी में छिपे हैं कई उग्रवादी। एक सप्ताह के अंदर धुर्वा और खूटी के सीमावर्ती इलाके के आठ उग्रवादी व उसके स्वजनों की गिरफ्तारी हो चुकी है। गिरफ्त में आये उग्रवादियों से पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं।

पुलिस उग्रवादियों की पहचान में जुटी

जानकारी के अनुसार, धुर्वा के अलावा राजधानी के कई इलाकों में सफेदपोश उग्रवादी छिपे हुए हैं। मकान मालिक को झांसा देकर खुद को बड़ा कारोबारी और नौकरीपेशा होने की बात बताता है। पुलिस इन सफेदपोश उग्रवादियों की पहचान में जुटी हुई है।

हाल के दिनों में राजधानी से गिरफ्तार नक्सली-उग्रवादी

  • छह जनवरी 2022- धुर्वा के आम बगान के समीप पीएलएफआइ को जरूरत के सामान भेजे जाने की सूचना पर पुलिस ने तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया। तीनों युवक दिखावे के लिए अलग-अलग काम करता था, जबकि पीएलएफआइ की सक्रिय रूप से मदद करता था।
  • नवंबर 2021-पीएलएफआइ उग्रवादी छोटू लोहरा लातेहार पुलिस से बचने के लिए रांची भाग आया था, जिसे पुलिस ने घेराबंदी कर रातू इलाके से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी से पहले दोनों ओर से जमकर फायरिंग भी हुई थी।
  • फरवरी 2020- तुपुदाना के हुलहुंडू में किराए के मकान में मजदूर के रुप में रह रहे गुमला के 2 लाख का इनामी उग्रवादी इमानुएल की गिरफ्तारी हुई थी। उग्रवादी काफी दिनों से पुलिस को चकमा देकर रह रहा था
  • नवंबर 2019- पीएलएफआई का दुर्दांत उग्रवादी अखिलेश अपने दस्ते के साथ नगड़ी इलाके में छिपा हुआ था। 14 नवंबर 2019 को 15 उग्रवादियों के साथ उसकी गिरफ्तारी हुई थी।

अमेरिकन और स्विस राइफल हो चुके हैं बरामद 

पूर्व में पश्चिमी सिंहभूम के घोर नक्सल प्रभावित गुदड़ी में मुठभेड़ के बाद पीएलएफआइ के कैंप से पुलिस ने चीन निर्मित एके-47 राइफल बरामद की थी।

नक्सलियों के पास से इससे पूर्व अमेरिकन राइफल, अमेरिकी ग्रेनेड लांचर, पाकिस्तानी कारतूस, इंग्लैंड निर्मित स्प्रिंग राइफल आदि बरामद हो चुके हैं।

खुफिया एजेंसी से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) तक कर चुकी है खुलासा

झारखंड के नक्सलियों तक विदेशी हथियारों की सप्लाई रूट का झारखंड की खुफिया एजेंसी से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) तक खुलासा कर चुकी है। यह भी खुलासा हो चुका है कि म्यांमार से मणिपुर के रास्ते अवैध हथियार झारखंड के नक्सलियों-उग्रवादियों तक पहुंचता रहा है। म्यांमार आर्मी के इस्तेमाल में आने वाला हथियार भी नक्सलियों के पास से बरामद हो चुका है।


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