Jharkhand Crime: बहू के साथ हैवानियत की दर्दनाक कहानी, SDM ससुर व देवर को कोर्ट सुनाएगी सजा, जानिए कैसे और क्यों मारा
Jharkhand News झारखंड की एक अदालत 16 अगस्त को पिता पुत्र को सजा सुनाएगी। दोष साबित हो चुका है। मृतका बिहार के मुंगेर की रहने वाली थी। उसकी शादी रांची में हुई थी। हत्या के इस मामले में पति को अदालत ने बरी कर दिया है। पढ़िए पूरी कहानी-
रांची, राज्य ब्यूरो। अपर न्यायायुक्त दिनेश राय की अदालत ने दहेज हत्या के अभियुक्त पूर्व एडीएम अहमद हुसैन एवं उनके बेटे अंदलीब अहमद को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोनों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तिथि निर्धारित की है। जबकि उक्त मामले में महिला के पति आफताब अहमद को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। इस संबंध में शाइस्ता हसमत के भाई अबु साहलेह नासिर ने बताया कि वे मुंगेर के शाह जुबेर रोड के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी बहन की शादी डोरंडा के रहमत कालोनी निवासी अहमद हुसैन के पुत्र आफताब अहमद से 27 दिसंबर 2015 में की थी। शादी के कुछ दिन बाद से ही महिला को दहेज के लिए मारपीट व प्रताड़ित किया जाने लगा। दहेज के रूप में एक फ्लैट खरीदने के लिए 15 लाख की मांग की जाती थी। जब दहेज नहीं दिया गया तो 12 जुलाई 2017 को सास, ससुर व देवर ने बिजली की तार से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी।
शव देने से इन्कार कर दिया था
अगले दिन जब महिला के पिता हसमत अली ओला, भाई व अन्य परिजन शव लेने पहुंचे तो ससुराल वाले शव देने से इन्कार कर दिया। साथ ही मारपीट व गाली-गालौज की गई। जिसके सदमे से उसी दिन महिला के पिता हसमत अली ओला की मौत हो गई थी। इसके पूर्व महिला के पिता ने ही वर्ष 2017 में डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दी थी। सास शहनाज परवीन की मौत सुनवाई के दौरान हो गई थी। अभियुक्तों पर दहेज के लिए शाइस्ता हसमत की हत्या करने का आरोप है। दोषी पाने जाने के बाद पूर्व एडीएम को सोमवार को जेल भेज दिया गया। जबकि अंदलीब अहमद पूर्व से ही जेल में है। उसकी पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई।
नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपित बरी
पोक्सो की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले के आरोपित आशीष कुमार सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। गवाही के दौरान पीड़िता ने पूर्व के बयान से पलट गई, जिसका लाभ आरोपित को मिला। घटना को लेकर पीड़िता ने अप्रैल 2021 में डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी के बाद आरोपित आशीष को पुलिस ने चार अप्रैल 2021 को गिरफ्तार तक जेल भेज दिया था। पांच महीने जेल में रहने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने छह सितंबर 2021 को जमानत की सुविधा प्रदान की थी।
हथियार की आपूर्ति वाले की जमानत खारिज
एनआइए कोर्ट ने नक्सलियों व अपराधियों को हथियार और गोली की आपूर्ति करने के आरोपित ऋषि कुमार को राहत देने से इन्कार कर दिया है। अदालत ने ऋषि कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 29 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। बता दें कि आरोपित पटना के सलीमपुर थाना क्षेत्र के बेनीपुर निवासी ऋषि कुमार की गिरफ्तारी 17 नवंबर 2021 को हुई थी। यह पूर्व में हटिया में ट्रांसपोर्टिंग का काम करता था। इसी दौरान वह सरायकेला और चाईबासा में सड़क निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार संजय सिंंह और महाहिर के संपर्क में आया। ऋषि कुमार ने दोनों ठेकेदारों से बैंक एकाउंट और नकद रुपये लेकर झारखंड के नक्सलियों को कई खेप में गोली उपलब्ध कराई थी। इसी मामले में सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा भी जेल में है।