Jharkhand Latest News: हेमंत सोरेन लेने जा रहे बड़ा फैसला... अब बदल जाएगी झारखंड सरकार की सूरत...
Jharkhand Latest News झारखंड में वित्त विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। तीन निदेशालय के तहत मुख्यालय से जिलों तक कैडर होगा। विभाग से ट्रांसफर-पोस्टिंग भी होगी। अधिकारियों और कर्मचारियों का अलग-अलग कैडर बनेगा जेपीएससी से अफसर बहाल होंगे।
रांची, आशीष झा। Jharkhand Latest News झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद पहले बार वित्त विभाग के पुनर्गठन की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसमें सबसे खास बात यह है कि वित्त सेवा के अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों का अलग-अलग कैडर तैयार किया जाएगा जिन्हें मुख्यालय से लेकर जिलों तक में वित्त विभाग ही पदस्थापित करेगी। इनकी नियुक्ति जेपीएससी और जेएसएससी के माध्यम से कराने का प्रस्ताव है। विभाग में पुराने निदेशालयों को भंग कर तीन नए निदेशालय बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय बचत निदेशालय जैसे कार्यालय नए स्वरूप में दिखेंगे। पुनर्गठन के बाद विभाग को वाणिज्य कर विभाग से अधिकारियों को उधार लेने से मुक्ति मिल जाएगी और प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया भी बंद हो जाएगी।
वित्त विभाग के अधीन कर्मी और अधिकारी रहेंगे तो इनकी जिम्मेदारी भी तय होगी। नई व्यवस्था में वित्त विभाग 505 पदों को सरेंडर करने जा रहा है जबकि 515 नए पद सृजित भी किए जाएंगे। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी प्रशासनिक पदवर्ग समिति से अनुमति भी मिल गई है। इसके बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति के लिए जाएगा। इस पूरी कवायद के पीछे कोशिश यह है कि राज्य में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित की जाए और उत्तरदायित्व भी तय हो।
झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद पहली बार वित्त विभाग का पुनर्गठन किया जा रहा है। कोषागार एवं सांस्थिक वित्त के लिए एक निदेशालय नई व्यवस्था में कोषागार एवं सांस्थिक वित्त के लिए एक निदेशालय होगा जिसमें राज्य के सभी कोषागारों को जोड़ा जाएगा। इस निदेशालय के अधीन सब ट्रेजरी से लेकर राज्य मुख्यालय तक के ट्रेजरी जुड़े होंगे और इनमें कोषागार पदाधिकारियों की नियुक्ति भी मुख्यालय से होगी। वर्तमान में वाणिज्य कर विभाग से तीन वर्षों के लिए अधिकारियों की सेवा ट्रेजरी अफसर के तौर पर ली जाती है और तीन वर्ष के बाद वे वापस अपने कैडर में चले जाते हैं।
नई कवायद से जुगाड़ के माध्यम से वित्त विभाग के कामकाज का तरीका बदलेगा। वित्त मंत्री ने इसके लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है। पेंशन और लेखा निदेशालयसरकारी कर्मचारियों को पेंशन और अन्य लेखा कार्यों का निष्पादन इस निदेशालय से होगा। वर्तमान में अलग-अलग स्थानों से इसे देखा जाता है। जीपीएफ निदेशालय इसी का हिस्सा होगा। सरकारी कर्मियों के पूरे कार्यकाल का लेखा-जोखा इस निदेशालय से संचालित होगा।
इस निदेशालय के वर्तमान स्वरूप में कोई खास परिवर्तन नहीं किया जा रहा है। आडिट से संबंधित निदेशालय आडिट से संबंधित निदेशालय के माध्यम से तमाम सरकारी कार्यालयों और योजनाओं का आडिट किया जाएगा। पंचायती राज व अन्य कार्यालयों से संचालित योजनाओं का आडिट इसी विभाग की टीम करेगी। इसके लिए प्रमंडल स्तर पर भी आडिट टीम होगी जिसका इस्तेमाल समय-समय पर किया जाएगा।