झारखंड में डॉक्टर-नर्स का ठिकाना नहीं, हो गया 800 स्वास्थ्य केंद्रों का शिलान्यास
राज्य सरकार के पास डॉक्टर-नर्स थे ही नहीं और एक साथ 800 स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास कर दिया गया।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार के पास डॉक्टर-नर्स थे ही नहीं और एक साथ 800 अस्पतालों के भवन बनने शुरू कर दिए गए थे। 2007-08 में ही शुरू हुई इन योजनाओं में अभी तक डॉक्टर-नर्स बहाल नहीं होने के सवाल पर सरकार ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उस समय बिना पद सृजित किए ठेका-पट्टा के लिए अस्पताल बनाने शुरू कर दिए गए थे।
प्रभारी मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने सफाई दी कि ये चीजें वर्तमान सरकार को विरासत में मिली हैं। चीजें दुरुस्त होने में कुछ समय लगेगा। इसपर विपक्ष द्वारा विरोध किए जाने पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी कहा कि सच बात कड़वी लगती ही है। पिछली सरकारों ने अपने कार्यकाल में खूब आधे-अधूरे भवन बनवाए।
उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि वर्तमान सरकार उन सभी भवनों को शीघ्र पूरा करेगी तथा पद सृजन कर बहाली करेगी। वहीं, स्टीफन मरांडी ने पूछा, मुख्यमंत्री जी, आपको बहाली करनी है तो क्यों नहीं कर रहे? दरअसल, विधायक अशोक भगत ने गोड्डा के महागामा में 2007-08 से ही बन रहे पीएचसी में अभी डॉक्टरों और नर्सो के पद सृजन नहीं होने का मामला उठाया था। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ महागामा नहीं, पूरे राज्य में ऐसी लापरवाही बरती गई है।
चुप बैठे रहे तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री
इतने अधिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण का मामला सदन में गरमा रहा था। पक्ष एवं विपक्ष एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे थे। वहीं, तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही चुपचाप सदन में बैठे हुए थे। हालांकि गरमागरम बहस के दौरान किसी ने उनके नाम का जिक्र नहीं किया।