धनबाद DC ने गृह विभाग व ईसीएल प्रबंधन को लिखा पत्र... अवैध खनन में इन अफसरों की भूमिका, कार्रवाई की मांग
Illegal Mining in Jharkhand धनबाद के उपायुक्त ने गृह विभाग व ईसीएल प्रबंधन को पत्र लिखकर अवैध खनन को लेकर कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने जानकारी दी है कि ऐसी शिकायतें मिलती रही हैं कि अवैध उत्खनन में ईसीएल के स्थानीय पदाधिकारी आउटसोर्सिंग एजेंसी की उदासीनता व संलिप्तता है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Illegal Mining in Jharkhand धनबाद के उपायुक्त ने गृह विभाग व ईसीएल प्रबंधन को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि विभिन्न स्रोतों से शिकायतें मिलती रही हैं कि अवैध उत्खनन में ईसीएल के स्थानीय पदाधिकारी, आउटसोर्सिंग एजेंसी की उदासीनता व संलिप्तता है। इसपर ईसीएल को जांच कर सत्यापन व आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता है। कार्यरत खनन का असुरक्षित होना व उसमें अनधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश कर कोयला खनन करना कोलियरी प्रबंधन, आउटसोर्सिंग एजेंसी व स्थानीय सीआइएसएफ की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। सभी बिंदुओं की गहन छानबीन की जरूरत है।
अनधिकृत लोग कर रहे है कोयला चोरी
उपायुक्त ने पत्र में जिक्र किया है कि ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (ईसीएल) मुगमा क्षेत्र के विभिन्न कोयला खदानों विशेषकर कापासारा व निरसा खनन पट्टा क्षेत्र में संगठित रूप से अनधिकृत लोग आ-जा रहे हैं और कोयला चोरी कर रहे है। अवैध खनन में अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं, जिससे जान-माल का भी नुकसान होता है। ऐसे अनधिकृत प्रवेश की घटनाओं पर विधिवत फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराएं तथा नामजद प्राथमिकी दर्ज कराएं। खनन क्षेत्र में अनधिकृत व्यक्तियों का आवागमन रोकने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और कंपनी के कर्मी उपलब्ध होते हैं। अनधिकृत लोगों की बड़ी संख्या में महिलाओं की संख्या अधिक होती है।
उपायुक्त ने लिखा है कि सीआइएसएफ में महिला बल की प्रतिनियुक्ति अधिक रखने की जरूरत है। वर्तमान में सीआइएसएफ में महिला बल नहीं होने से महिलाओं का एक्सेस कंट्रोल कोलियरी प्रबंधन नहीं करा पा रहा है। वर्तमान में बाहरी व्यक्तियों व मजदूरों को ईसीएल खनन पट्टा क्षेत्रों में अनधिकृत प्रवेश रोकने में ईसीएल प्रबंधन की कार्रवाई बिल्कुल ही संतोषजनक नहीं है। इसकी उच्च स्तरीय समीक्षा कर सुधार की आवश्यकता है।
कोयला खनन के गाइडलाइंस का पालन कराने के लिए भी लिखा
उपायुक्त धनबाद ने अपने दूसरे पत्र में बीसीसीएल व ईसीएल दोनों के प्रबंधन को पत्र लिखकर कोयला खनन के गाइडलाइंस का पालन कराने के लिए लिखा है। उन्होंने लिखा है कि विभिन्न कोयला खनन पट्टा क्षेत्रों में जमीन दरारें, भू-धसान की घटनाओं की सूचनाएं मिलती रही हैं। इससे आमजनों व खनन क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों की जान-माल का भी खतरा रहता है। संभवत: कोयला के खनन के लिए कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियां सुरक्षा नियमों का अपेक्षित पालन नहीं करती है। इसकी सुरक्षा आडिट कराने की आवश्यकता है। जो खदानें बंद हो गई हैं और वहां खनन कार्य वर्षों से बंद है, उसकी समीक्षा कर उचित कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो।