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Jharkhand News: IAS पूजा सिंघल के भ्रष्टाचार की कहानी, सीए सुमन ने किया 1.33 करोड़ का भुगतान

IAS Pooja Singhal झारखंड की भ्रष्ट आइएएस पूजा सिंघल के काले कारनामों की फेहरिस्त लंबी है। एक एक कर सभी मामले सामने आ रहे हैं। पता चला है कि पूजा सिंघल ने मेसर्स राधेश्याम फायरवर्क्स के नाम पर जमीन खरीदी थी। सीएम सुमन ने पैसे का भुगतान किया था।

By Jagran NewsEdited By: M EkhlaquePublished: Sat, 01 Oct 2022 07:32 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 07:34 PM (IST)
Jharkhand IAS Pooja Singhal: झारखंड की भ्रष्ट आइएएस पूजा सिंघल का फाइल फोटो।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand IAS Pooja Singhal झारखंड की निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल का काला धन रियल इस्टेट के व्यवसाय में भी लगा था। इस बात का खुलासा ईडी ने मनरेगा घोटाले में दाखिल अपनी चार्जशीट में किया है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि रांची के कांके के बोड़ेया में एक जमीन की खरीद-बिक्री हुई थी, जिसमें पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार ने 1.33 करोड़ रुपये विक्रेता को दिया था। उक्त जमीन के मालिक कामेश्वर नारायण तिवारी थे, जिनसे मेसर्स राधेश्याम फायर वर्क्स के नाम पर खरीददारी की गई थी।

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सुमन कुमार के मोबाइल से मिले साक्ष्य

नकदी भुगतान संबंधित सबूत सुमन कुमार के मोबाइल से भी मिले हैं। उक्त जमीन की खरीद-बिक्री में मध्यस्थता करने वाले सुजीत सिंह ने भी ईडी की पूछताछ में इसे स्वीकार किया था। पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के बाद यह दूसरा बड़ा मामला है, जिसमें पूजा सिंघल के काले धन के निवेश से संबंधित सबूत मिले हैं।जिस कंपनी के नाम पर जमीन की खरीद हुई थी, उसका प्रोपराइटर सुमन कुमार है और उस कंपनी में पूजा सिंघल की मां कमलेश सिंघल उसमें सहयोगी हैं।

अभिषेक अग्रवाल को नहीं मिली राहत

उधर, ईडी के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत में 77 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित अभिषेक अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने राहत देने से इन्कार करते हुए उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अभिषेक अग्रवाल बिल्डर ज्ञान प्रकाश सरावगी का रिश्तेदार है। आरोपित पर अन्य सहयोगियों की मदद से बैंकों को धोखा देकर 2014 से 2018 की अवधि में 77.36 करोड़ रुपये का मनी लांड्रिंग करने का आरोप है।

अदालत ने खारिज कर दी याचिका

सुनवाई के दौरान ईडी के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित के खिलाफ ठोस साक्ष्य है। ज्ञान प्रकाश सरावगी का रिश्तेदार होने के नाते मनी लांड्रिंग के अपराध से संबंधित गतिविधियों में शामिल है। इसमें अधिग्रहण, छिपाना, कब्जा करना, उपयोग करना और अपराध की आय को बेदाग संपत्ति के रूप में दावा करना शामिल है। बहस सुनने के बाद अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसकी याचिका को खारिज कर दिया।


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