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प्रेम भइया को पांच बॉडीगार्ड... पूजा मैडम को क्रीम-मलाई... यहां खूब बरसी 'निर्मल बाबा' की कृपा

Jharkhand News झारखंड में भ्रष्‍टाचार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जोर-शोर से स्‍वच्‍छता अभियान चला रहा है। जिसकी धमक पूरे देश में सुनी जा रही है। इस क्रम में रोज नए खुलासे हो रहे हैं साथ ही सत्ता शीर्ष के नए-नए राजदार दलाल भी सामने आ रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 09:59 PM (IST)Updated: Sun, 29 May 2022 05:04 AM (IST)
प्रेम भइया को पांच बॉडीगार्ड... पूजा मैडम को क्रीम-मलाई... यहां खूब बरसी 'निर्मल बाबा' की कृपा
Jharkhand News: झारखंड में भ्रष्‍टाचार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जोर-शोर से स्‍वच्‍छता अभियान चला रहा है।

रांची, जेएनएन। Jharkhand News झारखंड में भ्रष्‍टाचार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जोर-शोर से स्‍वच्‍छता अभियान चला रहा है। जिसकी धमक पूरे देश में सुनी जा रही है। इस क्रम में रोज नए खुलासे हो रहे हैं, साथ ही सत्ता शीर्ष के नए-नए राजदार, दलाल भी सामने आ रहे हैं। इनमें कोई नेता-अफसरों को मौज-मस्‍ती कराता है, तो कोई ट्रांसफर-पोस्टिंग। काला धन के कई निवेशक भी ईडी के हत्‍थे चढ़े हैं। भ्रष्‍टाचार के संगीन आरोपों में गिरफ्तार हुईं आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के जरिये अबतक कई राज बाहर आए हैं, कई आने बाकी हैं। ये वही पूजा सिंघल हैं, जिन्‍हें झारखंड सरकार ने दो-दो अहम विभागों की जिम्‍मेवारी दे रखी थी। पकड़े जाने तक पूजा सिंघल खान विभाग और उद्योग विभाग की सचिव रहीं। इन दोनों विभागों के मंत्री खुद मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन हैं।

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इस बीच खबर आ रही है कि राजनेता और नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश को मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने बिना पैसे के नियम-कानून को ताक पर रखकर अवैध रूप से पांच-पांच बॉडीगार्ड दे रखे हैं। इनमें दो बॉडीगार्ड रांची से मिले हैं, जबकि तीन बॉडीगार्ड हजारीबाग पुलिस के जवान हैं। इस मामले में राज्‍य के मुख्‍य सचिव सुखदेव सिंह और डीजीपी नीरज सिन्‍हा तक बात पहुंची है। सुरक्षा कमेटी, या अन्‍य कागजी कार्रवाई को दरकिनार कर किसी खास को उपकृत करने के इस संगीन मामले में सरकारी जांच का इंतजार है।

निशिकांत दूबे रोज फोड़ रहे बड़े-बड़े बम

झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के मुखर विरोधी भाजपा सांसद निशिकांत दूबे इधर पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद से ही झामुमो सरकार पर आक्रामक है। वे प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी, जांच या आगे की कार्रवाई संबंधी ट्वीट कर रोज नए-नए बम फोड़ रहे हैं। अभी कुछ देर पहले ही उन्‍होंने झामुमो को निशाने पर लेते हुए लिखा- झारखंड माल मुद्रा पार्टी के आदेश का पालन करते हुए लेट से ट्वीट कर रहा हूं। विशाल चौधरी के 12 मोबाइल से लगभग 210 GB डाटा मिला, यानी लगभग 1 लाख पेज कागज या 60 फि‍ल्म का मैटेरियल। इसके अंदर की कहानी बाद में...

पूरे प्रकरण में ईडी ने लगाई चुप्पी

निलंबित आइएएस पूजा सिंघल प्रकरण में लगातार हुई बड़ी-बड़ी कार्रवाई के बावजूद ईडी ने चुप्पी साध ली है। पूजा सिंघल व उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार को जेल भेज दिया, चार्टर्ड अकाउंटेंट के ठिकाने से 19.31 करोड़ रुपये की बरामदगी कर ली, लेकिन अधिकृत रूप से इसकी जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की। एक दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ईडी की इस कार्यवाई पर सवाल खड़ा किया था और कहा था कि ईडी का अधिकृत रूप से बयान जारी नहीं करना, उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़ी कर रहा है।

संथाल में ईडी की टीम, रेकी कर खंगाल रही काली कमाई का अर्थशास्त्र   

निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में अनुसंधान के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सर्वाधिक अवैध उत्खनन व परिवहन की सूचना संथाल परगना क्षेत्र से मिली है। पाकुड़, दुमका व साहिबगंज के जिला खनन पदाधिकारियों (डीएमओ) से पूछताछ में मिले इनपुट के बाद ईडी की एक टीम संथाल परगना क्षेत्र में है और वहां रेकी कर काली कमाई का अर्थशास्त्र खंगाल रही है। वहां हाल के वर्षों में बढ़े अवैध उत्खनन व परिवहन के मामले, संथाल के क्षेत्र से अवैध तरीके से बांग्लादेश तक स्टोन चिप्स पहुंचने के मामले में ईडी को जानकारी मिली है, जिसकी धरातल पर जांच के लिए टीम संथाल में है।

राजनेता और नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश को मिले अवैध रूप से अंगरक्षक

आइएएस पूजा सिंघल प्रकरण में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे प्रेम प्रकाश को अवैध तरीके से अंगरक्षक दिए जाने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की गई है। झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने मुख्य सचिव, राज्य के डीजीपी और ईडी के संयुक्त निदेशक को पत्र भेज कर अंगरक्षक दिए जाने की जांच करने का आग्रह किया है। अधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट और उनकी जानकारी के अनुसार प्रेम प्रकाश को नियमों का उल्लंघन कर अंगरक्षक दिया गया है। इसकी जांच होनी चाहिए।अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने कहा है कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजनेता और नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश को अंगरक्षक प्रदान करने से पूर्व सुरक्षा कमेटी की बैठक नहीं हुई थी। इस संबंध में कोई कागजी कार्रवाई भी नहीं की गई है। नियमों का उल्लंघन कर दो अंगरक्षक दिए गए हैं।

हजारीबाग डीआइजी के आदेश से गैर आधिकारिक तौर पर मिले बॉडीगार्ड

उन्होंने कहा कि हजारीबाग में उन्हें अतिरिक्त तीन अंगरक्षक हजारीबाग डीआइजी के आदेश से गैर आधिकारिक तौर पर उपलब्ध कराए गए हैं। इस मामले में उन्होंने रांची के एसएसपी, हजारीबाग और बोकारो एसपी और हजारीबाग डीआइजी की भूमिका की जांच करने का आग्रह किया है।रामसुभग सिंह ने कहा है कि ईडी कार्यालय में जब प्रेम प्रकाश को बुलाया गया तो उनके साथ सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए दो अंगरक्षक भी थे। इससे पता चलता है कि प्रेम प्रकाश के सभी गतिविधियों की अंगरक्षकों के पास जानकारी है। ईडी से उन्होंने प्रेम प्रकाश के अंगरक्षकों से भी पूछताछ करने की मांग की है। हजारीबाग के डीआइजी और एसपी पर अधिवक्ता ने प्रेम प्रकाश को बड़ा भूखंड दिलाने में सहयोग करने का भी आरोप लगाया है। फिलहाल ईडी ने प्रेम प्रकाश को पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। इससे पहले प्रेम प्रकाश के हरमू स्थित आवास पर छापेमारी की गई थी।

हजारीबाग से एक भी अंगरक्षक प्रेम प्रकाश को नहीं दिया गया : एसपी

हजारीबाग के एसपी मनोज रतन चोथे ने बताया कि उन्हें भी किसी ने सूचना दी कि प्रेम प्रकाश को हजारीबाग से तीन अंगरक्षक उपलब्ध कराया गया है। इसकी उन्होंने अपने सार्जेंट मेजर से जांच कराई तो सूचना गलत निकली। एसपी ने बताया कि तीन साल के रिकार्ड को चेक किया गया है, जिसमें एक भी अंगरक्षक हजारीबाग से प्रेम प्रकाश को उपलब्ध नहीं कराया गया है। हजारीबाग पुलिस पर लगाया जा रहा आरोप निराधार है।


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