सातवीं जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण पर झारखंड हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
Jharkhand News सातवीं जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण पर झारखंड हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी। सातवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से होनी है। अदालत ने जेपीएससी से पूछा है कि सातवीं जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है या नहीं।
रांची, (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand News : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने जेपीएससी से जवाब मांगा है। अदालत ने जेपीएससी से पूछा है कि सातवीं जेपीएससी में कैटेगरीवाइज कितनी सीटें थी। प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है या नहीं। वहीं, कितने आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सामान्य कैटगरी में चयनित हुए हैं। इस सभी बिंदुओं पर जेपीएससी को जवाब देना है।
मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग
इस दौरान मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की गई। अब अदालत इस मामले में 25 जनवरी यानी मंगलवार को सुनवाई करेगी। इस संबंध में कुमार सन्यम की ओर से एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की गई है। पिछले दिनों एकलपीठ ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए, याचिका को खारिज कर दिया। इसके खिलाफ प्रार्थी की ओर से अपील दाखिल की गई है।
सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में दिया गया है आरक्षण
सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है। इसको लेकर न तो विज्ञापन में जिक्र किया गया था और न ही ऐसी नीति झारखंड सरकार ने बनाई है, जिसके अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया जा सके।
प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है, दावा
उन्होंने दावा कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है। सामान्य कैटेगरी की 114 सीट थी। नियमानुसार इसके पंद्रह गुना परिणाम जारी होना चाहिए। इस तरह सामन्य कैटेगरी में 1710 अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए। लेकिन मात्र 768 का ही चयन किया गया है। इससे प्रतीत होता है कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है।
सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 28 जनवरी को निर्धारित
इस दौरान उनकी ओर से मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने और प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को रद करने की मांग की गई। इस पर जेपीएससी की ओर से जवाब दाखिल करने का समय मांगा गया। बता दें सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से होनी निर्धारित है।
क्या कहा था झारखंड हाईकोर्ट ने वर्ष 2021 में
गुलाम सादिक के मामले में 16 जून 2021 को हाई कोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि झारखंड सरकार के अनुसार जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने की कोई नीति है। वहीं, वर्ष 2015 में लक्ष्मण टोप्पो के मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि प्रारंभिक परीक्षा में झारखंड सरकार की नीति आरक्षण देने की नहीं है। कोर्ट आरक्षण देने का आदेश नहीं दे सकता। कहा गया कि सामान्य श्रेणी में 114 सीट थी। इसके पंद्रह गुना (1710) परिणाम जारी होना चाहिए, लेकिन मात्र 768 का ही चयन किया गया है। इससे प्रतीत होता है कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है।