झारखंड हाई कोर्ट ने फॉरेस्ट गार्ड नियुक्ति मामले में जेएसएससी से मांगा जवाब
रांची झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में फॉरेस्ट गार्ड नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में फॉरेस्ट गार्ड नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। इसको लेकर अनुज कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि जेएसएससी की ओर से निकाले गए विज्ञापन में उन्होंने भी आवेदन दिया था। सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद भी उनका चयन नहीं हुआ। आयोग की ओर अब तक नहीं बताया जा रहा है कि सभी अर्हता पूरी करने के बाद उनका चयन क्यों नहीं हुआ। इस पर जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने बताया कि प्रार्थी अनुज कुमार मेडिकली अनफिट हैं, जिसकी वजह से उनका चयन नहीं हुआ। इस पर अदालत ने राज्य सरकार व जेएसएससी को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
------------ जेएसएससी के शपथ पत्र पर वादी ने जवाब देने के लिए मांगा समय
रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में जेएसएससी द्वारा अमीन सहित अन्य पदों पर की गई नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से अदालत में जवाब दाखिल किया गया। इस पर वादी के अधिवक्ता ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय देने की गुहार लगाई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में नीलकंठ महतो ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि जेएसएससी की ओर से इंटरमीडिएट लेवल कंबाइंड प्रतियोगिता परीक्षा के लिए विज्ञापन निकाला गया। इसमें प्रार्थी ने आवेदन दिया था। सभी तरह की अर्हता पूरी करने के बाद भी उसका चयन नहीं किया गया। इस पर जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रार्थी का चयन इसलिए नहीं हुआ है कि प्रार्थी नन्यूनतम अर्हतांक भी प्राप्त नहीं किया है। जेएसससी के जवाब के बाद प्रार्थी ने प्रति उत्तर देने के लिए अदालत से समय की मांग की। इसके बाद अदालत ने प्रार्थी को तीन सप्ताह का समय दिया है।
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