झारखंड हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाने का मामला दूसरे कोर्ट में भेजा
Lalu Prasad Yadav. चारा घोटाले के देवघर कोषागार मामले में दायर की गई सीबीआई की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
रांची, राज्य ब्यूरो। देश के बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में सजायाफ्ता पूर्व रेलमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व अन्य पांच दोषियों की सजा बढ़ाने की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस मामले को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने आरसी 64 ए देवघर कोषागार मामले में छह अभ्यिुक्तों की सजा बढ़ाने की सीबीआइ की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसे सिंगल बेंच में नहीं सक्षम बेंच में सुना जाएगा।
सीबीआइ की ओर से दलील दी गई है कि चारा घोटाले के सात आराेपितों पर बड़ी साजिश रचने का आरोप है। ऐसे में एक अभियुक्त जगजीत शर्मा को तो निचली अदालत ने सात साल की सजा दी, लेकिन लालू प्रसाद यादव समेत छह अभियुक्तों को सिर्फ साढ़े तीन साल सजा दी गई। सीबीआइ का कहना है कि बाकी के छह अभियुक्तों की भी सजा बढ़ाकर सात साल की जानी चाहिए।
बेक जूलियस, आरके राणा, लालू प्रसाद यादव, महेश प्रसाद, फूलचंद सिंह और अन्य अभियुक्त की सजा बढ़ाने को लेकर 04 अक्टूबर, 2018 को सीबीआइ ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। उच्च न्यायालय के जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए दूसरे सक्षम बेंच में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।
केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से दो याचिका दायर
चारा घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने दो अक्टूबर 2018 में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। पहली याचिका में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव समेत अन्य आरोपियों की सजा को अपराध की तुलना में बेहद कम बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की गई है। दूसरी याचिका में सीबीआइ ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत बरी किए गए आरोपियों को सजा दिए जाने की मांग की है।
हायर कांसपेरेसी में शामिल लालू प्रसाद समेत छह अभियुक्तों को मिली है साढ़े तीन साल की सजा
निचली अदालत ने चारा घोटाले के केस संख्या आरसी 64 ए देवघर ट्रेजरी मामले में 89.4 लाख रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद यादव समेत सात अभियुक्तों पर हायर कांसपेरेसी, बड़ी साजिश रचने का चार्ज लगाया था। इसके लिए एक अभियुक्त जगजीत शर्मा को सात साला की सजा सुनाई गई थी। जबकि लालू प्रसाद समेत छह अभियुक्तों को साढ़े तीन साल की सजा व पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। सीबीआइ अब इन सभी छह अभियुक्तों की सजा को कम बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की है। सीबीआइ का कहना है कि एक समान चार्ज के लिए एक अभियुक्त को सात साल की सजा मिली, तो बाकी छह अभियुक्तों को भी समान सजा मिलनी चाहिए।
इन आरोपियों की सजा बढ़ाने की मांग
सीबीआइ की ओर से दायर की गई याचिका में जिन अन्य आरोपियों की सजा बढ़ाने की मांग की गई है उनमें लालू प्रसाद यादव, आरके राणा, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, सुबीर भट्टाचार्य और फूलचंद सिंह शामिल हैं। सीबीआइ की दूसरी याचिका में जगन्नाथ मिश्रा, ध्रुव भगत और विद्यासागर निषाद को बरी किए जाने के आदेश को रद्द कर करने की मांग की गई है।