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Jharkhand News: कांग्रेस विधायक ममता देवी के खिलाफ कोर्ट से जारी वारंट निरस्त, जानिए क्या है मामला

Ramgarh Firing Case धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में लोगों की मौत संबंधित एक मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि दो नवंबर से पहले विधायक ममता देवी अपना बयान कोर्ट में दर्ज करा सकती हैं।

By Manoj SinghEdited By: M EkhlaquePublished: Tue, 27 Sep 2022 07:04 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 07:06 PM (IST)
Jharkhand News: कांग्रेस विधायक ममता देवी के खिलाफ कोर्ट से जारी वारंट निरस्त, जानिए क्या है मामला
Ranchi News: कांग्रेस विधायक ममता देवी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Congress MLA Mamta Devi झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में रामगढ़ की विधायक ममता देवी के खिलाफ जारी वारंट को निरस्त करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने ममता देवी को राहत प्रदान करते हुए निचली अदालत के वारंट को खारिज कर दिया। अदालत ने माना कि निचली अदालत की ओर से जारी वारंट में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है, इसलिए निचली अदालत के आदेश को खारिज किया जाता है। इसके अलावा अदालत ने ममता देवी को दो नवंबर तक अपना बयान निचली अदालत में दर्ज कराने का निर्देश दिया है।

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बयान दर्ज कराने के दौरान मौजूद नहीं थीं विधायक

सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता एके कश्यप ने अदालत को बताया कि एक मामले में आरोपित का बयान (313) दर्ज कराने के दौरान उपस्थित नहीं थी। जबकि इसके लिए उनकी ओर से अधिवक्ता के माध्यम से आवेदन दाखिल किया गया। अदालत ने सीआरपीसी की धारा 317 की प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। अगर उनकी ओर से आवेदन खारिज किया गया तो भी उन्हें एक और मौका देना चाहिए था। उनकी ओर से ममता देवी की जमानत को रद करते हुए बेलर को नोटिस जारी कर दिया। इसके अलावा इसकी सूचना एसपी और स्पीकर को भी भेज दी। ऐसा करना उचित नहीं है। दलील दी कि इस आधार पर वारंट के आदेश को निरस्त किया जाए। इसके बाद अदालत ने वारंट के आदेश को निरस्त कर दिया।

वर्ष 2016 में रामगढ़ में हुई भी पुलिस से भिड़ंत

अदालत ने कहा कि ममता देवी दो नवंबर तक निचली अदालत में अपना बयान दर्ज करा सकती है। बता दें कि 20 अगस्त 2016 को रामगढ़ के गोला थाना क्षेत्र में आइपीएल कंपनी को बंद कराने को लेकर कंपनी के सामने ममता देवी के नेतृत्व में नागरिक चेतना मंच के बैनर तले 150-200 संख्या में ग्रामीण धरना पर बैठे थे। इस दौरान ग्रामीण उग्र हो गए थे। पुलिस को आत्मरक्षा और बचाव में फायरिंग करनी पड़ी थी। इस घटना में कुछ लोगों की मौत और दो से तीन दर्जन लोग घायल भी हो गए थे। इसी मामले में उनका बयान दर्ज कराया जाना है। बता दें कि एक मामले में निर्धारित तिथि को ममता देवी ने बयान दर्ज नहीं कराया था। जिसके बाद निचली अदालत ने उनके खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया था।


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