झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को चेताया, सब्जियों में मिलाया जा रहा खतरनाक केमिकल; करें सख्त कार्रवाई
उच्च न्यायालय ने खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर स्वत संज्ञान लिया था और इसकी रोकथाम के लिए सरकार को कड़ा निर्देश दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर दर्ज स्वत: संज्ञान मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने इसे गंभीर मामला बताते हुए सरकार को इसकी रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को आम लोगों से जुड़े इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और इसके रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे।
सब्जी से लेकर सभी खाद्य पदार्थों में मिलावट और हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा देखा गया है कि मिलावट का धंधा करने वालों का गठजोड़ इतना मजबूत होता है कि जब भी कोई अधिकारी इनके खिलाफ छापेमारी अभियान चलाता है तो उसका तबादला कर दिया जाता है। अदालत ने सरकार से मिलावट करने वालों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी देने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सरकार को रोकथाम की कार्य योजना तैयार कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य में अभी 24 फूड सेफ्टी ऑफिसर नियुक्त हैैं। 53 पद स्वीकृत किए जाने के बाद इनकी नियुक्ति के लिए जेएपीएससी को भेजा गया है। राज्य में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए अभी एक ही प्रयोगशाला है। दुमका में भवन बन कर तैयार है। उपकरणों की खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही दुमका में भी प्रयोगशाला शुरू हो जाएगी।
सरकार की ओर से बताया गया कि सरकार नियमित तौर पर प्रतिष्ठानों से खाद्य पदार्थों का सैंपल लेती है और उसकी जांच करा रही है। दुर्गापूजा में भी सैंपल लिया गया था। इसके लिए मोबाइल लैब भी है। मिलावट पाए जाने पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि अदालत ने खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर स्वत: संज्ञान लिया था और इसकी रोकथाम के लिए सरकार को निर्देश दिया है।