एसिड अटैक मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब Ranchi News
Jharkhand. मामला एसिड अटैक पीड़िता के मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं होने का है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने इस पर नाराजगी जताई।
रांची, राज्य ब्यूरो। एसिड पीडि़ता के मामले में रिम्स निदेशक को जारी समन के खिलाïफ दाखिल याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने बुधवार को सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा कि इस मामले में अब तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं हुई। अदालत यह जनाना चाहती है कि जब पीडि़ता का इलाज रिम्स में हुआ तो क्या उनकी ओर से इसकी खबर पुलिस को दी गई थी। साथ ही, पीडि़ता को निर्धारित योजनाओं का लाभ दिया गया है या नहीं?
अदालत ने इस पर रिम्स से भी जवाब मांगा है। 25 नवंबर तक शपथ पत्र के माध्यम से पूरी जानकारी अदालत में दाखिल करनी है। दरअसल, पलामू की रहने वाली रिंकू देवी पर उसके पति ने अप्रैल 2018 में एसिड डाल दिया था। इससे रिंकू देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। उसे पलामू से उन्हें रिम्स रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान ही रिंकू देवी के पिता की ओर से निचली अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया गया।
इसमें तत्कालीन रिम्स निदेशक, डॉ. आरजी बाखला और बरियातू थाना प्रभारी को प्रतिवादी बनाया गया। निचली अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन निदेशक आरके श्रीवास्तव और डॉ. आरजी बाखला को समन जारी किया। इसके खिलाफ इन लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। इसी मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार और रिम्स से जवाब तलब किया है।