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    Jharkhand Crime: सात माह बाद भी अमन साहू एनकाउंटर मामले में अब तक क्यों नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी, हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

    By Manoj Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Wed, 12 Nov 2025 10:58 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट ने अमन साहू एनकाउंटर मामले में राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि सात महीने बाद भी प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज हुई। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि संज्ञेय अपराध में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य है। कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह में प्राथमिकी दर्ज कर सूचना देने का निर्देश दिया है। किरण देवी ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को सुनियोजित तरीके से एनकाउंटर में मारा गया।

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    गैंगस्टर अमन साहू के कथित एनकाउंटर की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।

    राज्य ब्यूरो, रांची। हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस एके राय की खंडपीठ में गैंगस्टर अमन साहू के कथित एनकाउंटर की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई।

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    अदालत ने पूछा कि सात महीने बीत जाने के बावजूद अब तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई और किस प्रविधान के तहत पुलिस इसे टाल रही है। खंडपीठ ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी के केस में संज्ञेय अपराध में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य बताया गया है, तो इसे टालने का कोई औचित्य नहीं है।

    कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह में प्राथमिकी दर्ज कर इसकी सूचना कोर्ट को देने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि सीआइडी पहले से अमन साहू के भागने के केस की जांच कर रही है और उसी में किरण देवी की ओर से दिए गए आनलाइन आवेदन में उल्लेखित तथ्यों को भी जोड़ा गया है।

    एनकाउंटर की घटना पर अलग प्राथमिकी दर्ज की जा सकती थी

    इस पर अदालत ने नाराजगी जताई और कहा कि एनकाउंटर की घटना पर अलग प्राथमिकी दर्ज की जा सकती थी। इस मामले में अदालत ने स्वतः संज्ञान लिया है। अमन साहू की मां किरण देवी ने झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखकर एनकाउंटर की पूरी जानकारी और तस्वीरें सौंपी थीं।

    बाद में उन्होंने हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर कहा कि एनकाउंटर से पूर्व तत्कालीन डीजीपी अनुराग गुप्ता ने उनके बेटे को मुठभेड़ में मारने की धमकी दी थी और यह सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया एनकाउंटर था।

    किरण देवी की ओर से अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने अदालत को बताया कि उन्होंने तत्कालीन डीजीपी अनुराग गुप्ता, रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा, एटीएस एसपी ऋषभ झा और इंस्पेक्टर पीके सिंह के खिलाफ नामजद आनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था। 

    अमन साहू की मां ने एनकाउंटर की जांच सीबीआइ से कराने का किया है आग्रह

    लेकिन अब तक पुलिस ने इसे रजिस्टर नहीं किया है। याचिका में किरण देवी ने 11 मार्च को पलामू में हुए कथित एनकाउंटर की जांच सीबीआइ से कराने का आग्रह किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि रायपुर सेंट्रल जेल से रांची के एनआइए कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस ने उनके बेटे को योजनाबद्ध तरीके से एनकाउंटर में मार दिया।

    उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल अक्टूबर में अमन को 75 पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में चाईबासा जेल से रायपुर भेजा गया था, लेकिन रायपुर से रांची लाते समय केवल 12 सदस्यीय एटीएस टीम को लगाया गया, जिससे पहले से साजिश की आशंका थी।