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Jharkhand News: हेमंत सोरेन की बड़ी सौगात, महिलाओं को पशुधन विकास योजना में अब 90 प्रतिशत अनुदान

Jharkhand News मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर योजना के सफल संचालन ले किए सब्सिडी में संशोधन कर दिया गया है। इस योजना के तहत पशुपालक महिलाओं को राज्य सरकार अब 90 प्रतिशत अनुदान का लाभ देगी। पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए यह किया गया है।

By JagranEdited By: Sanjay KumarPublished: Fri, 30 Sep 2022 11:20 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 11:20 AM (IST)
Jharkhand News: हेमंत सोरेन की बड़ी सौगात, महिलाओं को पशुधन विकास योजना में अब 90 प्रतिशत अनुदान
Jharkhand News: हेमंत सोरेन की महिलाओं को बड़ी सौगात, पशुधन विकास योजना में अब 90 प्रतिशत अनुदान।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद ग्रामीण गरीब आबादी को मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है। गव्य विकास निदेशालय द्वारा संचालित उपयोजना के तहत लाभुकों को मिलने वाले अनुदान में संशोधन कर पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब आपदा, आगलगी, सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं को 90 प्रतिशत अनुदान पर दो दुधारू गाय या भैंस दिया जाएगा। इससे पूर्व तक 50 प्रतिशत अनुदान पर दो दुधारू गाय या भैंस दिया जा रहा था।

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गव्य पालन के अवाला इसके लिए 75 प्रतिशत अनुदान

गव्य पालन के तहत मिलने वाले अनुदान में संशोधन के अलावा बकरा पालन, सूकर पालन, बैकयार्ड लेयर कुक्कुट पालन, बायलर कुक्कुट पालन और बत्तख चूजा पालन में असहाय विधवा महिला, दिव्यांग, निसंतान दंपत्ति को छोड़कर अन्य सभी वर्गों को 75 प्रतिशत अनुदान पर योजना का लाभ दिया जाएगा। इससे पूर्व तक 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था थी। कामधेनु डेयरी फार्मिंग की उपयोजना के तहत मिनी डेयरी के जरिए पांच दुधारू गाय/भैंस वितरण और मिडी डेयरी के जरिए मिलने वाले दस गाय और भैंस वितरण योजना के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को जहां पूर्व में 33.33 प्रतिशत अनुदान प्राप्त होता था, उसे बढ़ा कर 75 प्रतिशत कर दिया गया है।

एससी, एसटी व दुग्ध उत्पादक समिति के लिए 90 प्रतिशत अनुदान

योजना के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को छोड़ कर अन्य लाभुकों को मिलने वाले 25 प्रतिशत अनुदान को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है। चैफ कटर वितरण एवं प्रगतिशील डेयरी कृषकों की सहायता के लिए संचालित उपयोजना के तहत हस्त चलित चैफ कटर का वितरण योजना के तहत सभी लाभुकों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता था। अब इसमें संशोधन करते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और दुग्ध उत्पादक समिति के लिए 90 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।

मिल्किंग मशीन, पनीर खोवा मशीन, बोरिंग एवं काऊ मैट के लिए 75 से 90 प्रतिशत अनुदान

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभुकों के अतिरिक्त अन्य जातियों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान निर्धारित किया गया है। प्रगतिशील डेयरी कृषकों को सहायता प्रदान करने के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले मिल्किंग मशीन, पनीर खोवा मशीन, बोरिंग एवं काऊ मैट के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और दुग्ध उत्पादक समिति को 90 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी जातियों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान का प्रविधान किया गया है।


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