विश्वविद्यालयों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर शीघ्र नियुक्ति का आदेश
Jharkhand. राज्यपाल ने उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के साथ बैठक में कहा कि शिक्षण संस्थानों में बेहतर शिक्षा का वातावरण बनाने के लिए पर्याप्त कर्मी आवश्यक है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्वविद्यालयों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के रिक्त सभी पदों को शीघ्र भरने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि शिक्षण संस्थानों में बेहतर शिक्षा का वातावरण बनाने के लिए आवश्यक है कि वहां शिक्षकों के साथ-साथ तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के भी पर्याप्त कर्मी हों। राज्यपाल बुधवार को उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही थीं। राज्यपाल ने पदाधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी कॉलेज की जमीन का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। इसके लिए सभी कॉलेजों में चारदीवारी होनी चाहिए।
सभी कॉलेजों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय भी हो। राज्यपाल ने उरीमारी में डिग्री कॉलेज की स्थापना के लिए निर्देश भी दिया। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह ने राज्यपाल को बताया कि उरीमारी में सीसीएल की भूमि चिह्नित कर ली गई है। सीसीएल से जमीन हस्तांतरण होने के बाद शीघ्र ही डिग्री कॉलेज खोलने की दिशा में कार्रवाई शुरू की जाएगी। राज्यपाल ने बैठक में रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के शिक्षकों की शीघ्र प्रोन्नति का भी निर्देश दिया।
पदाधिकारियों ने बताया कि विभाग में नौ भाषाओं के लिए पद सृजन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। कोल्हान विश्वविद्यालय में 'हो' भाषा की पढ़ाई शीघ्र शुरू की जाएगी। कोल्हान विश्वविद्यालय में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के लिए पदों का सृजन किया जा रहा है। जनजातीय विद्यार्थी जो पढ़ाई में पिछड़ गए हैं, उनके लिए रीमेडियल कोचिंग की भी व्यवस्था की जा रही है। राज्यपाल ने ड्राप-आउट बच्चों के सन्दर्भ में कहा कि जो बच्चे बीच में किन्हीं कारणों से पढ़ाई छोड़ देते हैं उन्हें कौशल विकास से जोड़ा जाए। बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव सतेंद्र सिंह, झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी के निदेशक कृपानंद झा आदि भी उपस्थित थे।
सभी नागरिकों को मिले शुद्ध पेयजल
राज्यपाल ने दूसरी बैठक पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पदाधिकारियों के साथ की, जिसमें उन्होंने सभी नागरिकों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पानी के लिए लोगों को परेशानी न हो। बैठक में जनजातीय टोलों में जलापूर्ति की समीक्षा के क्रम में विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने बताया कि लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र हैंडपंप से आच्छादित हैं। लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्रों में पाईप से जलापूर्ति होती है। राज्य में दिसंबर माह तक इसके माध्यम से पानी पहुंचाने की योजना है।
बताया कि इस वर्ष के अंत तक आदिम जनजाति के सभी टोलों में पाईप के माध्यम से पानी पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। अभी 180 टोलों तक यह सुविधा पहुंच चुकी है। राज्यपाल को बताया गया कि कुछ क्षेत्रों में बोरिंग के बाद भी पानी नहीं निकल रहा है। राज्यपाल ने स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति की भी जानकारी ली। बता दें कि राज्यपाल को नवंबर में प्रस्तावति राज्यपालों के सम्मेलन में जनजातीय विषयों पर अपनी प्रस्तुति देनी है। इसी को लेकर वे विभिन्न विभागों की बैठक बुला रही हैं।