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Jharkhand High Court: संगीत शिक्षकों को हटाने के मामले में सरकार दाखिल करेगी दस्तावेज

Jharkhand High Court News राज्य सरकार ने अदालत से समय मांगा। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस संबंध में देवराज चटर्जी सहित अन्य प्रार्थियों की ओर से सरकार के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 08:27 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 08:28 PM (IST)
Jharkhand High Court: संगीत शिक्षकों को हटाने के मामले में सरकार दाखिल करेगी दस्तावेज
अदालत ने इस मामले में पूर्व में दिए गए अंतरिम राहत को बरकरार रखा।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में संगीत शिक्षकों को हटाने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से केस से संबंधित दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है। हालांकि, अदालत ने इस मामले में पूर्व में दिए गए अंतरिम राहत को बरकरार रखा। इस संबंध में देवराज चटर्जी सहित अन्य प्रार्थियों की ओर से सरकार के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है।

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सुनवाई के दौरान कहा गया है कि प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ और संगीत कला केंद्र, प्रयागराज से प्राप्त डिग्री वाले शिक्षकों को सरकार ने हटाने का आदेश दिया है, जो कि गलत है। क्योंकि, इससे पहले यहां से डिग्री प्राप्त करने वाले कई शिक्षकों ने राज्य में सेवा दी और सेवानिवृत्त हुए हैं। ऐसे में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई सही नहीं है। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से इससे संबंधित दस्तावेज अदालत में दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। इसके बाद अदालत ने इस मामले में चार सप्ताह बाद सुनवाई निर्धारित की है।

अंगरक्षक नहीं देने के मामले में सरकार से मांगा जवाब

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में गुरुवार को अंगरक्षक नहीं देने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने सरकार पूछा है कि प्रार्थी को अंगरक्षक क्यों नहीं दिया जा रहा है। साथ ही, अदालत ने सरकार को अंगरक्षक देने के नियम भी बताने का निर्देश दिया। इस संबंध में रिजवाना परवीन ने याचिका दाखिल की है।

याचिका में कहा गया है कि प्रार्थी को कई बार जान से मारने की धमकी दी गई है। वह धनबाद में लंबित एक आपराधिक मामले की गवाह है। उस पर गवाही नहीं देने का दबाव भी बनाया जा रहा है, लेकिन धनबाद पुलिस उसकी बात नहीं सुन रही है। प्रार्थी ने अदालत से अंगरक्षक उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार को आठ सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।


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