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झारखंड सरकार का खजाना भरा, शराब के थोक भंडारण व लाइसेंस से मिले 50 करोड़ रुपये

Jharkhand Government News Hindi News झारखंड उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने यह बयान जारी किया है। कहा कि राज्य में कुल जिलों की संख्या के डेढ़ से दो गुणा यानी न्यूनतम 36 से 48 लाइसेंस देने का प्रविधान है। अब तक सिर्फ 24 को ही लाइसेंस दिया गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 07:07 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 06:52 AM (IST)
झारखंड सरकार का खजाना भरा, शराब के थोक भंडारण व लाइसेंस से मिले 50 करोड़ रुपये
Jharkhand Government News, Hindi News झारखंड उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने यह बयान जारी किया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में थोक शराब की बिक्री के लिए लाइसेंस आवंटित किए जाने से राज्य को अब तक 50 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है। राज्य में कुल जिलों की संख्या के डेढ़ से दो गुणा यानी न्यूनतम 36 से 48 लाइसेंस देने का प्रविधान है। अब तक राज्य में सिर्फ 24 को ही लाइसेंस आवंटित हुआ है, नियमानुसार विभाग अतिरिक्त नया लाइसेंस देने को बाध्य है, लेकिन इससे संबंधित मामला न्यायालय में लंबित होने के चलते इसकी प्रक्रिया रोकी गई है।

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उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने सोमवार को इससे संबंधित बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। विभाग ने जारी बयान में बताया है कि 09 जून 2021 को झारखंड मदिरा का भंडारण एवं थोक बिक्री नियमावली 2021 अधिसूचित की गई थी। 12 जून को लाइसेंस के लिए विज्ञापन जारी कर 21 जून से पांच जुलाई तक आवेदन आमंत्रित किया गया था। निर्धारित तिथि तक कुल 39 आवेदन विभागीय ऑनलाइन पोर्टल पर प्राप्त हुए।

इनमें से नियमानुसार ऑनलाइन आवेदन के साथ कागजात, आवेदन शुल्क, जमानत की राशि व अग्रिम लाइसेंसी शुल्क के बैंक ड्राफ्ट केवल 33 आवेदकों ने जमा किए। इनमें से छह आवेदकों ने झारखंड राज्य वेबरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) से संचालित गोदाम का किरायानामा संलग्न किया था, इसे विधि सम्मत नहीं मानते हुए आवेदनों को अस्वीकृत किया गया था।

लाइसेंस के लिए आवेदन देने वाले चार आवेदकों के कागजात में मिली त्रुटियां

लाइसेंस के लिए आवेदन देने वाले चार आवेदकों के कागजात में त्रुटियां मिली थी। इसके संबंध में उन्हें सूचित किया गया था। कोडरमा जिला में लाइसेंस के लिए आवेदक अंकित राज ने त्रुटियों का निराकरण किया। इसके आधार पर उन्हें लाइसेंस मिला। दुमका जिले के लिए मेसर्स आरवी कंस्ट्रक्शन ने त्रुटियों का निराकरण नहीं किया, उनका आवेदन निरस्त हुआ। जामताड़ा जिले के लिए अमरेंद्र तिवारी का आवेदन विधि सम्मत नहीं होने के कारण निरस्त किया गया। रांची जिले के लिए एक अन्य आवेदक कुमारी वीणा के आवेदन में अंकित त्रुटियों से संबंधित मामला विचाराधीन है।

हाई कोर्ट के फैसले के बाद ही होगी आगे की कार्रवाई

झारखंड मदिरा का भंडारण एवं थोक बिक्री नियमावली 2021 के कुछ प्रविधानों को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। यह न्यायालय में विचाराधीन है। इस मामले में सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अंतरिम आदेश दिया है कि नियमावली के तहत निर्गत लाइसेंस इस संबंध में पारित न्यायादेश से प्रभावी होगा। इस आदेश से विभाग ने सभी लाइसेंसधारियों को अवगत करा दिया है। यही वजह है कि न्यायादेश आने तक अतिरिक्त लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया रोकी गई है।

39 ड्राफ्ट तैयार हुआ, 33 ने ही जमा किया क्यों : एसोसिएशन

झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के अध्यक्ष अचिंत्य साव ने कहा कि विभाग 50 करोड़ के राजस्व की बात कर रहा है। यह 50 करोड़ पांच साल के लिए यानी दस करोड़ रुपये प्रति वर्ष ही आया है। इससे अधिक तो जेएसबीसीएल देता था। दूसरी बात यह है कि थोक शराब बिक्री के लाइसेंस के लिए 39 ने ड्राफ्ट तैयार किया, लेकिन 33 ने ही जमा क्यों किया। इसकी जांच हो, कि कहीं कोई दबाव तो नहीं बनाया गया। इसके अलावा आवेदकों को विभाग ने रिसिविंग क्यों नहीं दी। इसके पीछे सिर्फ व सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि मनमाने तरीके से लाइसेंस निर्गत किया जा सके।


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