स्टूडेंट के लिए झारखंड सरकार लांच करेगी क्रेडिट कार्ड, लागू होगी पुरानी पेंशन योजना
हेमंत सोरेन ने झारखंड के लोगों को बड़ी सौगात दी है। पर्यटन नीति लांच मीडिया कर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की भी हुई शुरुआत। बोले मुख्यमंत्री पारा कर्मियों की समस्या का किया निदान। अनुबंध कर्मियों को भी दिलाया भरोसा। वनवासियों को मिलेगा वन उपज का उचित दाम।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर राज्य सरकार ने झारखंडवासियों को कई सौगात दी है। इस खास मौके पर सरकार ने 15,766 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। साथ ही तमाम बड़ी योजनाओं के माध्यम से हर वर्ग को लुभाया। रांची के मोरहाबादी मैदान में बुधवार को आयोजित समारोह में राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन ङ्क्षसह ने लाभुकों के बीच सांकेतिक रूप से परिसंपत्तियों का भी वितरण किया। इस दौरान नई पर्यटन नीति, पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना समेत कई योजनाओं को भी लांच किया गया। छात्रों के लिए क्रेडिट कार्ड लाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।
आगे बढऩे से अब कोई रोक नहीं सकता
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दो साल की चुनौतियों और किए गए कार्यों को जनता से साझा करते हुए भरोसा दिलाया कि इस राज्य को आगे बढऩे से अब कोई रोक नहीं सकता है। झारखंड अब न रुकेगा, न झुकेगा, लगातार आगे ही बढ़ेगा। पिछले दो सालों के मुश्किल वक्त की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी और उसकी वजह से उत्पन्न हुई परस्थितियों के कारण पिछले दो वर्ष हर वर्ग, हर संस्था के लिए चुनौतियों भरे रहे। सरकार के लिए भी यह मुश्किलों का दौर था, लेकिन हम गांव से लेकर शहर तक के हर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
हम 20-30 सालों की योजना बनाकर कर रहे काम
सीएम ने कहा कि स्थापना दिवस से शुरू आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत हमारा पूरा महकमा, गांव, पंचायत और आपके घर तक पहुंचा। उन्होंने कहा, इस मंच के माध्यम से हमने कई लोगों के बीच सांकेतिक रूप से परिसंपत्तियों का वितरण किया है। साथ ही करीब 16 हजार करोड़ की 1550 योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा। आज यहां हुए एमओयू का असर आने वाले समय में दिखेगा। हम अगले 20-30 सालों की योजना बनाकर आगे बढ़ रहे हैं।
पारा शिक्षकों की समस्या का किया सामाधान, अनुबंध कर्मियों का भी रखेंगे ध्यान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने संकल्प लिया था कि उनकी मांगों को पूरा करेंगे और किया। कहा, सरकार हर समस्या का समाधान करना चाहती है, लेकिन समाधान नियम संगत होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों में कार्यरत अनुबंधकर्मियों को भी भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर भी सरकार विचार करेगी। सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं, वार्ता से समाधान निकलेगा। स्पष्ट कहा कि धरना-प्रदर्शन से राज्य का विकास नहीं हेागा, काम करने से होगा।
पूर्व की सरकारों ने इतना कर्ज लिया कि चुकाना मुश्किल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कभी इस राज्य का बजट सरप्लस होता था। लेकिन पूर्व की सरकारों ने इतना कर्ज लिया कि चुकाना मुश्किल हो रहा है। यह हालात नहीं होने चाहिए थे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस राज्य की क्षमता ऐसी है कि यदि दूरगामी सोच के साथ अच्छा प्रबंधन हो तो हमें भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि झारखंड दूसरे राज्यों को मदद करने की स्थिति में रहेगा।
अमीरों की हो रही थी रजिस्ट्री, गरीबों के लिए नहीं थी योजना
मुख्यमंत्री ने पूर्व की रघुवर दास सरकार की एक रुपये में महिलाओं के नाम होने वाली रजिस्ट्री को बंद किए जाने का वाजिब तर्क दे विपक्ष पर निशाना भी साधा। कहा, यह योजना अमीरों के लिए थी, गरीबों के लिए नहीं। गरीब, विधवा, वृद्ध को पेंशन देना ज्यादा जरूरी है। हडिय़ा-दारू के पेशे से जुड़ी महिलाओं को सम्मानजनक रोजगार से जोडऩा अधिक जरूरी है, जबकि भाजपा 50 लाख की रजिस्ट्री से महिला सशक्तिकरण की बात कहती है। यह फिजूलखर्ची थी, जिसे हमने बंद कर दिया। विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि लोग अच्छे काम को भी पचा नहीं पाते हैं। लेकिन हम बता दें कि यह सरकार सोने वाली सरकार नहीं है।
यूनिवर्सल पेंशन योजना लागू की
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राज्य की 20 साल से जो स्थिति है वह किसी से छिपी नहीं है। आज भी हमारे झारखंड में लोगों के पास दो वक्त का अनाज और तन ढकने को कपड़ा नहीं है। हमने सर्वजन पेंशन योजना शुरू की और हम साल में दो बार वंचितों को तन ढकने का कपड़ा दे रहे हैं। उन्होंने पेंशन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हमने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। सवाल उठाया कि क्या देश के खजाने में इतने पैसे नहीं हैं कि हम लोगों की मदद कर सकें। केंद्र से जवाब नहीं मिलने पर हमने अपने राज्य में पेंशन को यूनिवर्सल किया। सरकार, ङ्क्षहदू-मुस्लिम, सिख-इसाई, अगड़ा-पिछड़ा सबको पेंशन देगी।
कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम पर सरकार गंभीर, जल्द लेंगे निर्णय
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी भरोसा दिलाया कि ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। कर्मचारियों की इस मांग पर राज्य सरकार बहुत जल्द निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि हमने पिछले दो सालों में 28-30 योजनाओं को धरातल पर उतारा है। मॉब ङ्क्षलङ्क्षचग कानून का भी सीएम ने जिक्र किया। कहा, अब दहशत का माहौल कम होगा।
बैंकों पर साधा निशाना, कहा-स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लाएगी सरकार
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर छात्र-छात्राओं के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लाने की बात कही। उन्होंने बैंकों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। कहा, बैंक एससी-एसटी छात्रों को सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह विकास के रास्ते में बाधक बन रहे हैं। हमने खुद बैंक अधिकारियों से बात की है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी बच्चों के हक के लिए हम भारत सरकार व रिजर्व बैंक तक जाएंगे। कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे। इस मौके पर उन्होंने आदिवासी बच्चों को विदेशों में पढऩे के लिए सरकार द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति का भी जिक्र किया। कहा, आने वाले समय में इस दायरे को हम और आगे बढ़ाएंगे।
महंगाई का किया जिक्र
मुख्यमंत्री ने बढ़ती महंगाई और इसका समाज के हर वर्ग पर पडऩे वाले असर का भी जिक्र किया। कहा, महंगाई देश में किस स्तर पर पहुंच गई है यह किसी से छिपा नहीं है। झोले में अनाज और सब्जी लाने वाले प्लास्टिक की थैली में सामान ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस विषम परिस्थिति का वे लोग कैसे मुकाबला करेंगे, जिनके घरों में कमाने वाले सदस्यों को महामारी ने अपनी चपेट में ले लिया। उन्होंने कहा कि झारखंड पहला राज्य है, जिसने पीडि़त परिवार की महिलाओं को 50 हजार का मुआवजा दिया है।