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त्‍योहारों से पहले झारखंड की जनता को तोहफा, नहीं बढ़ी बिजली दरें; कई छूट का एलान

Electricity Rates कामर्शियल उपभोक्ताओं को पहले से लागू रेट में चार प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। फिक्स रेट में आंशिक बढ़ोतरी हुई। उपभोक्ताओं से मीटर का किराया भी बंद होगा। बिल भुगतान में देरी पर अब डेढ़ प्रतिशत की बजाय एक प्रतिशत जुर्माना लगेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 09:53 AM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 04:48 PM (IST)
आनलाइन पेमेंट पर बिल में एक प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। कोरोना संकट काल में त्योहारों से ठीक पहले राज्य सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत और सौगात दी है। सरकार ने बिजली की नई दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। पुरानी दरें लागू रखने के साथ-साथ उपभोक्ताओं के लिए कई नई छूट की भी घोषणा की गई है। ऐसा पहली दफा हुआ है जब राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली वितरण लिमिटेड की बिजली दर बढ़ाने की सिफारिशों को सिरे से नकार दिया।

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शुक्रवार को बिजली की नई टैरिफ जारी करते हुए आयोग ने जहां घरेलू समेत अन्य श्रेणी की बिजली दरों के यथावत रहने की घोषणा की। वहीं, कारोबार जगत को राहत देते हुए कामर्शियल बिजली की दरों में चार प्रतिशत तक की कटौती का भी एलान किया। इसके अलावा सभी तरह के उपभोक्ताओं के लिए कई तरह की छूट और सुविधाओं की घोषणा की गई है।

सुधार के प्रयासों से भरा कंज्यूमर फ्रेंडली टैरिफ

राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को कई राहत और सुधारात्मक प्रयासों से लबरेज बिजली के नए टैरिफ प्लान को स्वीकृति दी। आयोग के सदस्य आरएन सिंह और पीके सिंह ने इसे बेहतर कदम बताते हुए बिजली वितरण कंपनी के लिए सबक भी करार दिया। सदस्यों ने कंज्यूमर फ्रेंडली टैरिफ को वक्त की आवश्यकता बताते हुए कहा कि कोविड के कारण व्यावसायिक गतिविधियों पर असर पड़ा है।

बिजली की नियमित आपूर्ति पर भी जोर, आनलाइन और समय से भुगतान को प्रोत्साहन

आयोग ने टैरिफ में नए सिरे से बदलाव करते हुए उपभोक्ताओं को बिजली बिल के भुगतान में कई तरह की छूट और सुविधाएं दी हैं। पहली दफा यह भी निर्णय हुआ है कि फिक्स चार्ज बिजली वितरण कंपनी तभी वसूल पाएगी जब एचटी उपभोक्ताओं को एक दिन में 23 और एलटी उपभोक्ताओं को 21 घंटे बिजली मिलेगी। आनलाइन और समय सीमा के भीतर बिजली बिल भुगतान पर एक प्रतिशत की छूट की घोषणा भी की गई है।

वहीं उपभोक्ताओं से मीटर का किराया भी बंद होगा। अब बिल भुगतान में देरी पर डेढ़ प्रतिशत की बजाय एक प्रतिशत जुर्माना लगेगा। समय से बिल का भुगतान और आनलाइन पेमेंट पर एक प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। इसके अलावा जमशेदपुर, बोकारो और डीवीसी के कमांड एरिया वाले सात जिलों में औद्योगिक उपभोक्ताओं की बिजली दर नहीं बढ़ेगी।

गौरतलब है कि जमशेदपुर के कंपनी क्षेत्र समेत आदित्यपुर में जुस्को, बोकारो में सेल और डीवीसी कमांड एरिया में दामोदर घाटी निगम आपूर्ति करती है। सेल को छोड़कर बाकी दोनों कंपनियों की दर का अंतिम निर्धारण हो चुका है।

बंपर बढ़ोतरी की हुई थी मांग

बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) द्वारा सौंपे गए प्रस्ताव में बिजली आपूर्ति की मौजूदा औसत दर 6.52 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 8.02 रुपये प्रति यूनिट करने की सिफारिश की गई थी। इसे आयोग ने अस्वीकार कर दिया। बढ़ोतरी के प्रस्ताव का सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं ने पुरजोर विरोध किया था और आयोग से दर नहीं बढ़ाने की मांग की थी। आयोग का निर्देश एक अक्टूबर से प्रभावी होगा।

बिजली बिल नहीं मिला तो छूट के हकदार, प्री-पेड को प्रोत्साहन

बिजली बिल नहीं मिलने और मनमाना बिल थमाने की उपभोक्ताओं की शिकायतें भी अब दूर होंगी। आयोग ने कहा है कि दो माह तक उपभोक्ताओं को बिल नहीं देने पर तीसरे माह से बिल पर एक प्रतिशत की छूट देनी होगी। यह छूट अधिकतम तीन प्रतिशत होगी। विद्युत नियामक आयोग ने बिना मीटर वाले उपभोक्ताओं से निर्धारित मासिक शुल्क वसूलने की व्यवस्था अगले साल से खत्म करने का आदेश दिया है।

इसके तहत इस वर्ष 31 दिसंबर तक सभी घरों में मीटर लगाना अनिवार्य होगा। रीडिंग के आधार पर बिजली बिल देकर शुल्क वसूलना होगा। स्वीकृत लोड की जांच बिलिंग के समय रीडिंग लेने वाले नहीं कर सकेंगे। इसे कनेक्शन देते वक्त या सेफ्टी ऑडिट के दौरान ही किया जा सकेगा। प्री-पेड मीटर को बढ़ावा देने के लिए तीन प्रतिशत की विशेष छूट का ऐलान किया गया है। इसमें जमा सुरक्षा राशि जमा वापस करने की भी व्यवस्था होगी।

कामर्शियल उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट दर में राहत

आयोग ने ग्रामीण और शहरी वाणिज्यिक श्रेणी को संशोधित किया है। इनके लिए बिजली की प्रति यूनिट दर में 25 पैसे प्रति यूनिट कम करके फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी की है। पांच किलोवाट वाले घरेलू वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से अब 40 की बजाय 50 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह वसूला जाएगा। इनसे प्रति यूनिट बिजली छह रुपये की बजाय 5.75 रुपये की दर से मिलेगी, जबकि शहरी क्षेत्र में इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को 6.25 की जगह छह रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली मिलेगी। इनसे प्रति किलोवाट प्रतिमाह 150 रुपये नहीं 100 रुपये लिए जाएंगे।

ऐसी रहेगी दर (घरेलू श्रेणी में)

घरेलू (ग्रामीण) और अन्य (ग्रामीण) पांच किलोवाट तक - 5.75 रुपये प्रति केडब्लयूएच और फिक्स चार्ज प्रति कनेक्शन 20 रुपये प्रति माह।

घरेलू (शहरी) और अन्य (शहरी) पाच किलोवाट तक - 6.25 रुपये प्रति केडब्लयूएच और फिक्स चार्ज 75 रुपये प्रति माह।

घरेलू (एचटी) - 6.25 रुपये प्रति केवीए और फिक्स चार्ज  100 रुपये प्रति केवीए प्रति माह।

वाणिज्यिक श्रेणी

कामर्शियल (ग्रामीण):  पांच किलोवाट तक - 5.75 रुपये प्रति केडब्लयूएच और फिक्स चार्ज 50 रुपये प्रति केडब्लयू प्रति माह।

कामर्शियल (शहरी) : पांच किलोवाट तक - 06.00 रुपये प्रति केडब्लयूएच और फिक्स चार्ज 100 रुपये प्रति केडब्लयू प्रति माह।

सिंचाई व कृषि - 05.00 रुपये प्रति केडब्लयूएच और फिक्स चार्ज 20 रुपये प्रति एचपी प्रति माह।

एलटी इंडस्ट्री सप्लाई - 06.25 रुपये प्रति केडब्लयूएच और फिक्स चार्ज 100 रुपये प्रति केडब्लयू प्रति माह।

एचटी सप्लाई - 05.50 रुपये प्रति केडब्लयूएच और फिक्स चार्ज 350 रुपये प्रति केवीए प्रति माह।

एचटी इंडस्ट्री सप्लाई - 05.25 रुपये प्रति केवीएएच और फिक्स चार्ज 350 रुपये प्रति केवीए प्रति माह।


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