Move to Jagran APP

हजारों के लिए था स्‍थाई नौकरी का पैगाम, सरकार को मिले अब तक सिर्फ दो नाम; पढ़ें पूरी खबर

सुप्रीम कोर्ट ने सेवा नियमित करने का आदेश दिया था लेकिन नियमावली में लोग फिट नहीं बैठे। 10 वर्षों से अधिक समय से काम कर रहे लोगों को नियमित करने के लिए महज दो प्रस्ताव आए।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 07:47 AM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 11:40 AM (IST)
हजारों के लिए था स्‍थाई नौकरी का पैगाम, सरकार को मिले अब तक सिर्फ दो नाम; पढ़ें पूरी खबर

रांची, आशीष झा। झारखंड में हजारों की संख्या में कांट्रैक्ट पर कर्मी काम कर रहे हैं। ठेके पर काम कर रहे लोगों को नियमित किये जाने के  सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इनमें उम्मीद भी जगी थी कि देर-सबेर नियमित हो जाएंगे, लेकिन तकनीकी पेच कुछ ऐसा फंसा कि सिस्टम को महज दो नाम ही मिल पाए हैं। कुछ आवेदन अभी तक जिलों और प्रमंडल मुख्यालयों में ही लंबित पड़े हुए हैं। कार्मिक विभाग ने जून माह में ही सभी विभागों से इसके लिए आवेदन तलब किए थे और आवेदन देने के लिए छह महीने का समय निर्धारित किया था, लेकिन अभी तक सिर्फ दो आवेदन ही विभाग को मिल पाए हैं।

loksabha election banner

कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के सूत्रों की मानें तो सेवा नियमितीकरण के लिए ग्रामीण विकास और जल संसाधन विभाग से एक-एक व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव पहुंचा है। इनके अलावा अन्य लोगों के प्रस्ताव प्राथमिक स्तर पर ही खारिज हो चुके हैं। इसके पीछे के कारणों की पड़ताल करें तो प्रमुख तौर पर एक नियम के कारण अड़ंगा लगा है। नियमावली के अनुसार उसी व्यक्ति को सेवा नियमितीकरण के लिए उपयुक्त माना जा सकता है जिसे किसी नियमित पोस्ट के विरुद्ध कांट्रैक्ट पर नियुक्त किया गया हो।

अब ऐसे मामले पूरे राज्य में ढूंढे नहीं मिल पा रहे हैं, जिसमें नियमित पोस्ट के विरुद्ध किसी को कांट्रैक्ट पर रखा गया हो। बहरहाल बता दें कि झारखंड में चिकित्सकों, शिक्षकों, स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर तक ठेके पर काम कर रहे हैं और 10 वर्ष से अधिक समय से काम करनेवालों की संख्या भी हजारों में है। इसके बावजूद यह भी तथ्य है कि इनकी नियुक्ति किसी नियमित पद पर कर्मियों के नहीं होने के विरुद्ध होने का प्रमाण नहीं है। 

अब ठेके पर एजेंसियों का दिया गया है काम

राज्य में कई एजेंसियों को ठेके पर काम दिया गया है और इन्होंने ही कर्मियों को बहाल किया है। ऐसे में इन कर्मियों को कभी भी नियमित नहीं किया जा सकेगा। ऐसे कर्मियों की संख्या भी हजारों में है। इनमें उद्योग विभाग, नगर विकास विभाग, वित्त विभाग, शिक्षा विभाग आदि में कर्मियों की संख्या अधिक है। लगभग सभी विभागों में कंप्यूटर ऑपरेटर तो ठेके पर ही काम कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.