भूख से मौत पर माननीयों ने खूब मचाया था शोर, अब सरकार ने कहा-पांच साल में भूख से कोई मौत नहीं
माले विधायक ने सवाल पूछा था कि क्या पांच वर्षों में भूख और कुपोषण से एक दर्जन से ज्यादा मौतें हुई हैं? सरकार ने स्वीकार किया है कि पिछले पांच साल में एक भी भूख से मौत नहीं हुई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार ने स्वीकार किया है कि पिछले पांच साल में एक भी भूख से मौत नहीं हुई है। भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में दिए गए लिखित उत्तर में खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव के हवाले से यह दावा किया गया है। माले विधायक ने सवाल पूछा था कि क्या पांच वर्षों में भूख और कुपोषण से एक दर्जन से ज्यादा मौतें हुई हैं?
विभाग ने जवाब में बताया है कि अक्टूबर 2015 से राष्ट्रीय खाद्य अधिनियम लागू है। अधिनियम के तहत 26443330 लाभुक को आच्छादित किया गया है। अधिनियम के तहत पात्रता नहीं रखने वालों की समय-समय पर छंटनी भी की गई है। अधिनियम में खाद्यान्न नहीं मिलने पर खाद्य सुरक्षा भत्ता देने का प्रावधान है। इसके लिए सभी जिलों को दो-दो लाख रुपये मुहैया कराया गया। नगर निकाय के तहत 10-10 हजार रुपये खाद्यान्न कोष का भी प्रावधान है।
हेमंत सरकार ने माना की सत्ता में आने के लिए उसने झूठ का सहारा लिया था : भाजपा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा की झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए झूठ बोलकर सत्ता प्राप्त की। हेमंत सरकार ने माना है कि पिछले पांच वर्षों में भूख और कुपोषण से कोई मौत नहीं हुई। लेकिन जब झामुमो और कांग्रेस विपक्ष में थे तो उन्होंने रघुवर सरकार के कार्यकाल में भूख से दर्जनों मौत होने का आरोप लगाया था और जमकर राजनीति की थी। इसका मतलब है कि उन्होंने तब झूठ बोला था।