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डीलर ने नहीं दिया राशन, या मिला कम अनाज तो 90 दिनों में ऐसे मिलेगा खाद्य सुरक्षा भत्ता; पढ़ें काम की खबर

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे वाले परिवारों में से किसी को भी अगर समय पर पीडीएस दुकानों से खाद्यान्न नहीं मिलता है अथवा कम राशन मिलता है तो उन्हें खाद्य सुरक्षा भत्‍ता मिलेगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 07:40 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 07:40 AM (IST)
डीलर ने नहीं दिया राशन, या मिला कम अनाज तो 90 दिनों में ऐसे मिलेगा खाद्य सुरक्षा भत्ता; पढ़ें काम की खबर
डीलर ने नहीं दिया राशन, या मिला कम अनाज तो 90 दिनों में ऐसे मिलेगा खाद्य सुरक्षा भत्ता; पढ़ें काम की खबर

रांची, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आने वाले परिवारों में से किसी को भी अगर समय पर पीडीएस दुकानों से खाद्यान्न नहीं मिलता है अथवा कम राशन मिलता है तो उन्हें खाद्य सुरक्षा भत्ता मिलेगा। यह भत्ता संबंधित खाद्यान्न के लिए केंद्र स्तर से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य में से अनाज के वर्तमान मूल्य की अंतर राशि का सवा गुना होगा। साथ ही लाभुक स्तर से देय प्रति किलोग्राम खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने इस बाबत जिलों को प्रति जिला दो लाख रुपये की दर से 48 लाख रुपये का आवंटन दिया है।

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विभाग के स्तर से जारी अधिसूचना के अनुसार उपभोक्ताओं को इसके लिए अनाज नहीं मिलने की शिकायत एक महीने के अंदर मार्केटिंग अफसर अथवा प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के माध्यम से अपर समाहर्ता से करनी होगी। संबंधित अधिकारी अगर एक महीने के अंदर इस मामले का निपटारा नहीं करते हैं तो उपायुक्त की अनुमति से एक महीने के लिए अवधि विस्तार किया जा सकता है। अपर समाहर्ता के आदेश से संतुष्ट नहीं होने पर कोई लाभुक आदेश के एक महीने के अंदर खाद्य सुरक्षा आयोग में अपील कर सकता है। आयोग अधिकतम दो महीने में इस पर निर्णय लेगा।

अधिकतम तीन महीने में भुगतान, कटेगी अफसरों की जेब

अधिसूचना के अनुसार लाभुकों को अधिकतम तीन महीने के अंदर खाद्य सुरक्षा भत्ता देय होगा। लाभुकों को देय भत्ता राशि की वसूली अपर समाहर्ता अथवा खाद्य आयोग द्वारा जारी आदेश के तीन महीने के अंदर दोषी पदाधिकारियों से की जाएगी, चाहे वह सरकारी हो अथवा गैर सरकारी। खाद्य सुरक्षा भत्ता के लिए हर जिले में अलग से एक बैंक खाता होगा। इसी खाते में अफसरों से वसूली की गई राशि संबंधित जिलों के आपूर्ति पदाधिकारी के माध्यम से जमा की जाएगी।


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