मंत्री बोले, सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा उतना सफल नहीं
रांची शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से डोर टू डोर जाकर बच्चों और उनके अभिभावकों को घर में ही पढ़ने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि प्रत्येक शिक्षक गांव जाएं और बच्चों और अभिभावकों को इसके लिए जागरूक करने की अपील करें।
रांची : शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से डोर टू डोर जाकर बच्चों और उनके अभिभावकों को घर में ही पढ़ने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि प्रत्येक शिक्षक गांव जाएं और बच्चों और अभिभावकों को इसके लिए जागरूक करने की अपील करें।
मंत्री ने माना कि अभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को वाट्सएप के माध्यम से जो ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है, वह पूरी तरह सफल नहीं है। उन्होंने कई अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन तथा नेटवर्क नहीं होने को इसके लिए जिम्मेदार बताया। बकौल मंत्री, स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी, लेकिन जबतक स्कूल नहीं खुलते तबतक शिक्षकों को प्रत्येक दिन अपने स्कूल क्षेत्र के गांवों में जाकर बच्चों को घर में ही नियमित रूप से पढ़ने के लिए जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि इसे लेकर वे सभी विधायकों को भी पत्र लिख रहे हैं कि वे भी गांव जाकर अपना संदेश दें। उन्होंने सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में झामुमो के विधायक मथुरा महतो, दशरथ गगरई आदि से इस संबंध में चर्चा भी की। इधर, मंत्री ने प्रेरित करने के लिए शिक्षकों के साथ बैठक शुरू की है। उन्होंने सोमवार को सुबह में अपने गांव में शिक्षकों की क्लास लगाई, जिसमें शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में बच्चों को दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का आह्वान भी किया। वे इसे अन्य जगहों पर भी जारी रखेंगे। उन्होंने इसे 'गांव चले हम' अभियान नाम दिया है।
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काोविड में कैसे संचालित होंगे स्कूल, मानक संचालन प्रक्रिया तैयार :
सरकारी स्कूलों के खुलने के बाद कोरोना से बचाव को लेकर सावधानियां कैसे बरती जाएंगी, इसे लेकर मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने यूनिसेफ के सहयोग से इसे तैयार किया है। एक जुलाई को एक वेबिनार के माध्यम से इसे लांच किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने कहा कि सरकारी स्कूलों में कोरोना के संक्रमण से बचाव को लेकर शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसके बाद एक ऑनलाइन परीक्षा लेकर उन्हें सर्टिफाइ किया जाएगा। यह सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद ही शिक्षक स्कूल जाएंगे।
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