Jharkhand Education news: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अफसरों को हड़काया... कहा- एक माह में डीईओ, डीएसई सुधारें कार्यशैली नहीं तो...
Jharkhand Education news झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अफसरों को कहा कि कागजी रिपोर्ट नहीं धरातल पर काम दिखाइए। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। मंत्री ने अधिकारियों से जिलों में 450 करोड़ रुपये खर्च नहीं होने पर जताई नाराजगी और जवाब मांगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को अपनी कार्यशैली एक माह के भीतर सुधारने की नसीहत दी है। उन्होंने बुधवार को रांची के रातू स्थित जेसीईआरटी में आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा में शिक्षा योजनाओं की अबतक की प्रगति पर नाराजगी प्रकट करते हुए अविलंब इसमें सुधार लाने को कहा। अफसरों द्वारा रिपोर्ट दिखाए जाने पर उन्होंने कहा कि पदाधिकारी कागजी रिपोर्ट नहीं, धरातल पर काम कर दिखाएं। उन्होंने कहा कि एक माह में स्थिति में सुधार नहीं करनेवाले पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
अफसरों से पूछा- क्यों खर्च नहीं हुए 450 करोड़ रुपये
उन्होंने जिलों से लौटाई गई लगभग 450 करोड़ रुपये की राशि पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि यह राशि अफसरों की लापरवाही के कारण ही खर्च नहीं हो पाई। प्रत्येक जिले ने राज्य में शिक्षा प्रणाली की बेहतरी के लिए धन का उपयोग करने की बजाय इतनी बड़ी राशि लौटा दी। उन्होंने जब अधिकारियों से इसपर जवाब मांगा तो कोई जवाब नहीं दे सका। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान कुल खर्च के बारे में पूछे जाने पर भी तमाम अफसर चुप रहे। हालांकि, लोहरदगा और बोकारो के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल की धनराशि ब्याज सहित थी, जिससे लौटाई गई कुल राशि बढ़ गई। इसपर शिक्षा मंत्री ने सवाल उठाया कि इन फंडों के उचित उपयोग के संबंध में विभाग से मार्गदर्शन क्यों नहीं मांगा गया। बैठक में विभाग के सचिव राजेश शर्मा तथा अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
सरकारी स्कूलों में खर्च अधिक फिर भी बच्चे जाते निजी स्कूल में
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि राज्य सरकार एक बच्चे की शिक्षा पर प्रतिवर्ष लगभग 20 से 22 हजार रुपये खर्च करती है। फिर भी माता-पिता सरकारी स्कूलों की तुलना में निजी स्कूलों को पसंद करते हैं। उन्होंने अधिकारियों से इसपर विचार करने को कहा।
स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और सरस्वती पूजा पर ही जाते हैं स्कूल
शिक्षा मंत्री ने बैठक में कहा कि कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कई जिलों में शिक्षकों की उपस्थिति काफी कम रहती है। कुछ शिक्षक तो स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और सरस्वती पूजा के दिन ही स्कूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी नियमित रूप से स्कूलों का दौरा करें। साथ ही इस क्रम में बच्चों की नोटबुक भी देखें ताकि पता चले कि बच्चे पढ़ रहे हैं या नहीं।