Corona Vaccine: झारखंड की केंद्र सरकार से मांग, वैक्सीन में 5% ही हो निजी अस्पतालों का कोटा
COVID-19 Vaccine Quota Jharkhand News स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य के लिए यह जरूरी है। 25 प्रतिशत वैक्सीन निजी अस्पतालों को देने से खपत नहीं हो पाएगी। केंद्र ने बननेवाली वैक्सीन में 25 प्रतिशत निजी अस्पतालों के लिए कोटा तय किया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार ने केंद्र से मिलनेवाली वैक्सीन में निजी अस्पतालों का कोटा 25 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की मांग की है। कहा है कि यह झारखंड जैसे राज्य के लिए बहुत जरूरी है। ऐसा करने से राज्य में टीकाकरण की भी रफ्तार बढ़ेगी। वहीं, निजी अस्पतालों के लिए 25 प्रतिशत कोटा तय करने से वैक्सीन का उपयोग समय पर नहीं हो पाएगा। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को पत्र लिखकर इसकी मांग की है।
राज्य सरकार ने केंद्र से कहा है कि झारखंड में 75 प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं, जहां निजी अस्पतालों की संख्या काफी कम है। इन सभी का टीकाकरण सरकारी स्तर पर ही संभव है। वहीं, राज्य में 37 प्रतिशत से अधिक आबादी बीपीएल श्रेणी में है जो राशि का भुगतान कर टीकाकरण कराने में सक्षम नहीं हैं। राज्य में 24 जिलों में 13 जिले जनजातीय बहुल क्षेत्र में आते हैं। साथ ही 19 जिले उग्रवाद प्रभावित हैं। यह भी कहा गया है कि दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण को लेकर लोगों में संशय भी है।
राज्य सरकार सहिया, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, सखी मंडल आदि के सहयोग से उनका टीकाकरण करा रही है। ऐसे में सरकारी क्षेत्र के लिए अधिक वैक्सीन मिलना जरूरी है। बता दें कि केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है, उसके अनुसार कंपनियों में जितनी वैक्सीन का उत्पादन होगा, उनमें 75 प्रतिशत वैक्सीन राज्यों को मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि 25 प्रतिशत वैक्सीन निजी अस्पतालों के लिए राज्य सरकारों को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए निजी अस्पतालों को निर्धारित दर में राशि का भुगतान करना होगा।
दो प्रतिशत ही टीकाकरण निजी अस्पतालों में
अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि राज्य में 30 जनवरी से निजी अस्पतालों में टीकाकरण शुरू होने के बाद से लेकर 30 अप्रैल तक जो टीकाकरण हुआ है, उनमें निजी अस्पतालों में हुए टीकाकरण की हिस्सेदारी महज दो प्रतिशत है। ऐसे में इन अस्पतालों को 25 प्रतिशत वैक्सीन देने से खपत नहीं हो पाएगी। यह भी कहा है कि 16 जून को निजी अस्पतालों के साथ हुई बैठक के बाद तीन अस्पतालों ने ही अभी तक वैक्सीन की मांग सीमित मात्रा में की है। यदि सरकारी क्षेत्र में अधिक वैक्सीन मिलती है तो राज्य सरकार और भी तेजी से टीकाकरण कर सकती है।