20 दिनों से बिना विभाग के हैं झारखंड के मंत्री, कैबिनेट में अहम मंत्रालयों पर कांग्रेस की जिच
सीएम हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का ठीकरा कांग्रेस के मत्थे फूटता दिख रहा है। राजनीतिक गलियारे में यही संदेश जा रहा है कि कांग्रेस की वजह से इसमें देर हो रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। CM Hemant Soren मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का ठीकरा कांग्रेस के मत्थे फूटता दिख रहा है। राजनीतिक गलियारे में यही संदेश जा रहा है कि कांग्रेस की वजह से इसमें देर हो रही है, जबकि पूर्व में यह तय था कि मकर संक्रांति तक फार्मूला तैयार हो जाए और उसी के मुताबिक मंत्रिमंडल का गठन कर लिया जाएगा। नई परिस्थिति इसके अनुकूल नहीं दिखती।
लगातार दिल्ली में जमे रहने के बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कांग्रेस आलाकमान अपने मंत्रियों की लिस्ट नहीं थमा पा रही है। इसका एक बड़ा कारण दावेदारों की तादात है। इससे बचने के लिए कांग्रेस ने यह शिगूफा भी छोड़ा है कि मौजूदा मंत्रिमंडल के सदस्यों में ही ठीक उसी प्रकार विभागों का बंटवारा कर दिया जाए जैसा पूर्व में हेमंत सोरेन की सरकार के दौरान हुआ था। उस वक्त जैसे-जैसे मंत्रियों की नियुक्तियां होती गईं, उसी मुताबिक विभागों का बंटवारा होता चला गया। इसी तर्ज पर इस बार भी काम किया जा सकता है। कांग्रेस के एक वरीय नेता के मुताबिक विभागों के बंटवारे से कांग्रेस ने नहीं रोका है। जब मंत्रियों की सूची फाइनल हो जाएगी तो मुहैया करा दिया जाएगा।
बीस दिनों से बिना विभाग के मंत्री
हेमंत सोरेन ने बीते 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली। फिलहाल इनके बीच विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है। विधानसभा के विशेष सत्र की औपचारिकताओं के मद्देनजर आलमगीर आलम को संसदीय कार्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है।