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मंत्रिमंडल के बहाने जातिगत समीकरण साधने में जुटी कांग्रेस; जानें कौन-कौन मंत्री की रेस में

CM Hemant Soren Cabinet कांग्रेस की ओर से तीन संभावित मंत्रियों में एक अगड़ी जाति और दो पिछड़ी जाति के विधायक को शामिल करने की तैयारी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 08:46 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 02:13 PM (IST)
मंत्रिमंडल के बहाने जातिगत समीकरण साधने में जुटी कांग्रेस; जानें कौन-कौन मंत्री की रेस में
मंत्रिमंडल के बहाने जातिगत समीकरण साधने में जुटी कांग्रेस; जानें कौन-कौन मंत्री की रेस में

रांची, राज्य ब्यूरो। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर खरमास का इंतजार खत्म होने को आया, लेकिन मंत्रियों के नाम पर लगा ग्रहण अभी दूर नहीं हुआ है। अगले एक-दो दिनों में इन नामों पर सहमति होने की उम्मीद की जा रही है। बहरहाल, कांग्रेस इसी बहाने जातिगत समीकरण को साधने में जुटा है और यह भी दुरुस्त करना चाहता है कि जहां से उसे सर्वाधिक वोट मिले, उन जातियों को निराश ना होना पड़े।

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वर्तमान में अगड़ी जाति से एक और पिछड़ी जाति से दो विधायकों को मंत्री बनाने की संभावनाएं पार्टी स्तर पर दिख रही है। दूसरी ओर, पांच आदिवासी विधायक भी चुनाव जीतकर पहुंचे हैं और इस आधार पर एक और आदिवासी के लिए मंत्रिमंडल में व्यवस्था करने की मांग की जा रही है। मंत्रिमंडल विस्तार के बहाने कांग्रेस का लक्ष्य एक बार फिर जातिगत समीकरण को साधना और अगले चुनाव की तैयारियों को पुख्ता करना है। कांग्रेस के 16 विधायकों में आठ पिछड़ा वर्ग के हैं, पांच आदिवासी और तीन अगड़ी जातियों के।

ऐसे में कांग्रेस अगड़ी जाति से एक विधायक को मंत्री बनाने की कवायद में है। सामान्य वर्ग से एक ब्राह्मण और दो राजपूत जीतकर पहुंचे हैं। ऐसे में राजपूतों का पलड़ा भारी दिख रहा है। दोनों उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के हैं। जातियों के बहाने कांग्रेस पांचों प्रमंडल को भी साधने के तरीके खोजेगी। फिलहाल संताल परगना और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल का प्रतिनिधित्व मंत्रालय में हो रहा है। कोल्हान और पलामू प्रमंडल के लिए भी पार्टी प्रयास करेगी। इसके बावजूद मुख्य लक्ष्य तो जातिगत समीकरण ही है।

कांग्रेस आदिवासी वोट बैंक को भी मजबूत करना चाहता है। इस लिहाज से एक मंत्री तो बनाया जा चुका है, लेकिन कुछ लोग एक और पद के लिए कैंप कर रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस के पास सर्वाधिक महिला विधायकों की संख्या है और पार्टी उन्हें भी मंत्रालय में जगह देना चाहती है। सभी पहली बार विधानसभा पहुंची हैं। ऐसे में इसके लिए दो प्रबल दावेदारों के तौर पर दीपिका पांडे सिंह और ममता देवी हैं। दीपिका जहां दिल्ली में मजबूत पकड़ रखती हैं, वहीं ममता ने आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी का किला ध्वस्त कर सभी को चौंका दिया है।

17 जनवरी को विधायकों से मिलेंगी सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने झारखंड के सभी 16 विधायकों को 17 जनवरी को मिलने का समय दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव 16 को ही नई दिल्ली जा रहे हैं, जबकि कुछ विधायक अभी दिल्ली में ही हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद ही एक साथ मिलने के लिए सोनिया गांधी से समय की मांग की गई थी। एक बार फिर यही मांग की गई, जिसपर उन्होंने 17 जनवरी का समय दिया है।

मंत्री पद के अगड़ी जाति से दावेदार

1. बादल पत्रलेख

2. राजेंद्र सिंह

मंत्री पद के पिछड़ी जाति से दावेदार

1. दीपिका पांडे सिंह

2. बन्ना गुप्ता

3. इरफान अंसारी

4. अंबा साहू

मंत्री पद के लिए अनुसूचित जनजाति से दावेदारी

1. राजेश कच्छप

2. नमन विक्सल कोंगाड़ी


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