Jharkhand Congress: डा. अजय की राह में कांटे ही कांटे, पुराने विरोधी हुए सक्रिय तो नई टीम भी खुलकर नहीं दे रही साथ
झारखंड कांग्रेस प्रदेश संगठन में फिलहाल जिम्मेदारी नहीं मिली है लेकिन जमशेदपुर पर दावा बना रहेगा। कांग्रेस में वापसी के बाद डा. अजय कुमार के पुराने विरोधी फुरकान अंसारी सुबोधकांत सहाय और ऐसे ही कई सीनियर नेता सक्रिय हो गए हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस में एक बार फिर शामिल हुए डा. अजय कुमार के लिए इस बार सफर बहुत आसान नहीं है। चारों ओर कांटे ही कांटे दिख रहे हैं। पुराने विरोधी तेजी से सक्रिय हो गए हैं, तो नई टीम भी खुलकर साथ नहीं दे रही हैं। दीगर है कि नई टीम में अधिसंख्य लोगों को डा. अजय कुमार के रहते ही जिम्मेदारी दी गई थी, जो अभी तक जारी है। इसके बावजूद खुलकर साथ देने वालों की कमी दिख रही है।
वर्तमान परिस्थितियों में डा. अजय को राज्य में कोई जिम्मेदारी मिलने की संभावना भी कम लग रही है। हालांकि, जमशेदपुर लोकसभा सीट पर उनका दावा बना रहेगा और यही कारण है कि आते ही वे सीधे जमशेदपुर गए। कांग्रेस में वापसी के बाद डा. अजय कुमार के पुराने विरोधी फुरकान अंसारी, सुबोधकांत सहाय और ऐसे ही कई सीनियर नेता सक्रिय हो गए हैं। उनकी सक्रियता झारखंड से दिल्ली तक दिख रही है।
यह भी स्पष्ट होता दिख रहा है कि प्रदेश कांग्रेस में डा. अजय कुमार को कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है। डा. कुमार भी इसके लिए अधिक प्रयासरत नहीं हैं और फिलहाल केंद्र में ही उनकी सक्रियता दिखेगी। हालांकि, प्रदेश नेतृत्व में बदलाव की संभावनाएं बरकरार हैं। 'एक व्यक्ति, एक पद' के फॉर्मूले को आधार मानकर वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को जिम्मेदारी से मुक्त करने की बात लंबे समय से की जा रही है।