Mahatma Gandhi Death Anniversary: झारखंड कांग्रेस के नेताओं ने बापू को किया याद, बोले- गांधीजी के विचार आज भी अमर
Jharkhand. मोरहाबादी मैदान में बापू वाटिका में कांग्रेस नेताओं ने महात्मा गांधी के विचारों पर संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें रामेश्वर उरांव के साथ कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने महात्मा गांधी की शहादत दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया। मोरहाबादी मैदान में बापू वाटिका में कांग्रेस नेताओं ने महात्मा गांधी के विचारों पर संगोष्ठी का आयोजन किया। प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने इस अवसर पर कहा कि महात्मा गांधी की काया भले ही हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके विचार आज भी अमर हैं।
इस मौके पर मंत्री बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख के अलावा डा. वीपी शरण, कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, केशव महतो कमलेश, संजय लाल पासवान, जोनल को-आर्डिनेटर रमा खलखो, प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे, शमशेर आलम, राजेश गुप्ता, राजीव रंजन प्रसाद आदि मौजूद थे।
अब बापू की कहीं अधिक जरूरत : गुप्ता
झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आजादी की लड़ाई में जितनी आवश्यकता महात्मा गांधी की थी, उनके विचारों-आदर्शों की ज्यादा जरूरत आज महसूस होती है। हमें बचपन से ही सर्वधर्म सम्भाव सीखाया गया है और इसी रास्ते से हम आगे बढ़ेंगे।
बापू पहले महात्मा बने फिर राष्ट्रपिता : शरण
शिक्षाविद् प्रो. डॉ वीपी शरण ने गांधी के विचारों पर व्याख्यान देते हुए कहा कि पहले बापू महात्मा बने और फिर राष्ट्रपिता बने। उनका असहयोग आंदोलन चंपारण से अंग्रेजों के खिलाफ अत्याचार का सबसे बड़ा आंदोलन बना था। नमक सत्याग्रह, सवज्ञा आंदोलन और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन ने अंग्रेजों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
टिमटिमा रहे बापू के हत्यारों के विचार : बादल
झारखंड सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हम इस महान विभूति को शत-शत नमन करते है, जिनके आदर्शों पर चल कर यहां तक पहुंचे हैं। गांधीजी को याद करते हुए हम कहना चाहते हैं कि बापू हम शर्मिंदा हैं, आपके कातिल के विचार कभी-कभी टिमटिमाते रहते है। कहा कि गांधी जी के दर्शन और मार्ग को अपनाकर ही देश में प्रेम-शांति और सद्भावना आ सकती है।
सोशल मीडिया पर नजर रखे सरकार : ठाकुर
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हम सरकार में सहभागी हैं इसलिए हम यह निवेदन करना चाहेंगे कि सोशल मीडिया के माध्यम से गांधी के आदर्शों को तोड़मरोड़ कर पेश करने वाले व्यक्तियों को चिह्नित कर दंडित किया जाए।