झारखंड: जिस कॉलेज ने दिए टॉपर्स, उसका भी कट गया अनुदान; कई स्कूल-कॉलेजों की रोकी गई सब्सिडी
Jharkhand School Subsidy News झारखंड एकेडमिक काउंसिल की 12वीं की परीक्षा में जिस कॉलेज का लगभग शत-प्रतिशत परिणाम होता है और जिसने हर वर्ष की तरह वर्ष 2022 में भी कई टॉपर्स दिए उसका भी अनुदान कट गया।
रांची, राज्य ब्यूरो: झारखंड एकेडमिक काउंसिल की 12वीं की परीक्षा में जिस कॉलेज का लगभग शत-प्रतिशत परिणाम होता है और जिसने हर वर्ष की तरह वर्ष 2022 में भी कई टॉपर्स दिए उसका भी अनुदान कट गया।
सिर्फ इस कारण कि ऑनलाइन आवेदन में इस कॉलेज ने उपयोगिता प्रमाणपत्र और बंधक पत्र अपलोड नहीं कर सका था। ऐसा ही रांची के उर्सुलाइन इंटर कॉलेज के साथ भी हुआ।
इस कॉलेज को वित्तीय वर्ष 2022-23 में अनुदान नहीं मिल पाएगा। ऐसे कई स्कूल और कॉलेज हैं, जिनके अनुदान की स्वीकृति इस साल नहीं दी गई।
डीईओ और झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने की थी अनुशंसा
सबसे बड़ी बात यह है कि इन स्कूल, कॉलेजों के अनुदान की अनुशंसा संबंधित जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा की गई थी।
राज्य में स्थापना अनुमति तथा प्रस्वीकृति प्राप्त माध्यमिक स्कूलों, प्रस्वीकृति प्राप्त इंटरमीडिएट कॉलेजों, मदरसों तथा संस्कृत स्कूलों को प्रतिवर्ष अनुदान जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा झारखंड एकेडमिक काउंसिल की अनुशंसा पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा दिया जाता है।
वर्ष 2022-23 के अनुदान के लिए कुल 502 स्कूल, कॉलेजों ने ऑनलाइन आवेदन किए थे। जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा झारखंड एकेडमिक काउंसिल की अनुशंसा के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की स्क्रूटनी कमेटी तथा विभागीय सचिव की अध्यक्षता में गठित अनुदान कमेटी ने इनमें 227 स्कूल, कॉलेजों के अनुदान की ही स्वीकृति प्रदान की।
तकनीकी त्रुटि के को भी माना जा रहा कारण
वहीं, 275 स्कूल, कॉलेजों के अनुदान की अनुशंसा नहीं करने का निर्णय लिया। इनमें से अधिसंख्य का अनुदान उनके द्वारा ऑनलाइन आवेदन के क्रम में उपयोगिता प्रमाणपत्र, बंधक पत्र अपलोड नहीं करना तथा संस्थानों में निर्धारित कमरा नहीं होना बताया गया।
जिन स्कूल, कॉलेजों का अनुदान रोका गया उनका कहना है कि ऑनलाइन आवेदन में तकनीकी त्रुटि के कारण ऐसा हुआ है, जबकि उन्हें न तो इसके लिए नोटिस दिया गया और न ही दोबारा जमा करने का अवसर दिया गया।
इस कारण वे अनुदान से वंचित हो रहे हैं, जिसका असर स्कूल, कॉलेजों की पढ़ाई पर पड़ सकता है। स्कूल, कॉलेज अनुदान की राशि से ही शिक्षकों को वेतन देते हैं।
वित्त रहित शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेताओं का यह कहना
इधर, वित्त रहित शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेताओं का कहना है कि पूर्व के वर्षों में भी उपयोगिता प्रमाणपत्र या बंधक पत्र जमा नहीं करने की समस्या आई थी।
विभाग ने अनुदान नहीं रोककर एक पत्र सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्गत किया था कि बंधक पत्र और उपयोगिता प्रमाण पत्र लेने के बाद ही स्कूल, कॉलेजों को अनुदान की राशि निर्गत की जाए। इस बार ऐसा नहीं किया गया।
किस श्रेणी के कितने संस्थानों के अनुदान की स्वीकृति
संस्थान आवेदन स्वीकृत अस्वीकृत
माध्यमिक विद्यालय - 276 - 96 - 180
इंटर कॉलेज - 161 - 95 - 66
संस्कृत विद्यालय 29 - 21- 08
मदरसा 36 - 15 - 21