हेमंत सोरेन की CBI जांच मामले में नया मोड़... हाई कोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे; पढ़ें अदालत की पूरी सुनवाई हू-ब-हू...
Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटित करने और उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में निवेश करने की सीबीआइ जांच कराने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर अहम सुनवाई हुई। इस दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटित करने और उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में निवेश करने की सीबीआइ जांच की मांग लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से बहस गुरुवार को पूरी नहीं हो सकी। अब इस मामले में पांच जुलाई को राज्य सरकार की ओर से बहस की जाएगी। सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रार्थी शिवशंकर शर्मा की ओर से हेमंत सोरेन पर लगाए गए तमाम आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि प्रार्थी के आरोपों का कोई आधार नहीं है। इसके लिए ऐसा कोई दस्तावेज नहीं पेश किया गया, जिससे प्रथम दृष्टया भी इन आरोपों को सही माना जाए।
कपिल सिब्बल ने उच्च न्यायालय से कहा कि अगर प्रार्थी को लगता है कि आरोप सही हैं तो कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए पहले उन्हें इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराना चाहिए थी, न कि सीधे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर यह उम्मीद करनी चाहिए कि इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी जाएगी। कहा गया कि इस मामले कोर्ट के आदेश से कई लोग प्रभावित होंगे इसलिए उन्हें पक्ष रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए। कपिल सिब्बल के अमेरिका से मामले में पक्ष रख रहे थे। उनकी ओर से बहस अगली तिथि में करने को कहा गया। इस पर अदालत ने पांच जुलाई की तिथि निर्धारित की है।
इससे पहले प्रार्थी शिव शंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार ओर से बहस की शुरूआत की गई। इस दौरान आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की कंपनी सोहराय लाइव स्टाक कंपनी को हरमू में जमीन दी गई। चान्हो में भी उनके नाम पर 11 एकड़ जमीन लेकर मछली पालन किया जा रहा है। सीएम के प्रेस एडवाइजर अभिषेक उर्फ पिंटू, हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को खनन लीज आवंटित किया गया है। व्यवसायी अमित अग्रवाल और सुरेश नागरे बालू और चिप्स के अवैध खनन से पैसे की उगाही कर शेल कंपनियों में निवेश करते हैं। उसके जरिये देश के अन्य भागों में संपत्ति खरीदी जाती है।
प्रार्थी की ओर से सुरेश नागरे का संबंध बसंत सोरेन से बताते हुए कहा गया कि राज्य में बालू के अवैध खनन और स्टोन चिप्स का काम किया जाता है। सुरेश नागरे का संबंध मुंबई के अबू आजमी के बेटे फरहान आजमी से है। वह दुबई में निवेश करता है। इस बात की ज्यादा संभावना है कि इनके तार अंडरवर्ल्ड से भी जुड़े हो सकते हैं। इस दौरान प्रार्थी की ओर से शराब व्यवसाय का भी मुद्दा उठाते हुए योगेंद्र तिवारी, अमरेंद्र तिवारी और राज्य के कुछ आइएएस अधिकारियों का का नाम कोर्ट में लिया गया।
प्रार्थी की ओर से कहा गया कि इनकी मिलीभगत से झारखंड में मनमाने तरीके से शराब का थोक शराब का ठेका दिया गया। प्रार्थी ने कई ऐसी शेल कंपनियों का जिक्र किया, जिसके जरिए शराब ठेका में पैसे का निवेश किया गया है। इसका डिटेल भी अदालत में पढ़कर सुनाया। कहा गया कि बसंत सोरेन की कंपनी ग्रैंड माइनिंग के जरिए सरकार की रायल्टी का नुकसान किया जाता है। कंपनी बोल्डर निकाल कर बाहर दूसरी जगह पर क्रशर से चिप्स निकालती है। एसीबी में अवैध खनन जांच के लिए आवेदन दिया गया, लेकिन अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
खनन लीज से संबंधित दस्तावेज सुरक्षित रखने का आदेश दे कोर्ट: प्रार्थी
सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से बताया गया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खनन और पर्यावरण मंत्री रहते हुए अनगड़ा में पत्थर खनन का लीज लिया है। खनन चालू करने के लिए पर्यावरण स्वीकृति के लिए सिया (राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण) ने तत्काल स्वीकृति दे दी। इसके लिए कुछ तथ्यों को छिपाया भी गया है। सीएम हेमंत सोरेन को नई लीज आवंटित की गई है न कि पुराने लीज का नवीकरण किया गया है। ऐसा करना आफिस आफ प्राफिट के दायरे में आता है।
प्रार्थी ने कहा कि, राज्य सरकार के मुख्य सचिव को यह आदेश दिया जाए कि इससे संबंधित सारे दस्तावेजों को सुरक्षित रखें ताकि इन दस्तावेजों को साथ कोई छोड़छाड़ न हो सके। प्रार्थी ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने तो जिला खनन पदाधिकारी या फिर रांची उपायुक्त के कार्यालय में लीज आवंटन के आवेदन के लिए गए थे। सभी अधिकारी उनके आवास पर गए और प्रक्रिया पूरी कर तुरंत लीज आवंटित कर दिया गया। जबकि नियमानुसार लीजधारी को आवेदन देने के लिए कार्यालय जाना पड़ता है।