पूजा सिंघल को भेजा जेल, 8 जून तक न्यायिक हिरासत में
Jharkhand IAS Pooja Singhal भ्रष्टाचार के संगीन आरोपाें में गिरफ्तार आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल को आज जेल भेजा दिया गया। वह 8 जून तक न्यायिक हिरासत मे रहेगी। उनकी रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद आज ईडी कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand IAS Pooja Singhal मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल की ईडी रिमांड की अवधि 25 मई को पूरी हो रही थी। ईडी की टीम ने पूजा सिंघल को 20 मई को तीसरी बार पूछताछ के लिए पांच दिनों की रिमांड पर लिया था, जिसकी अवधि बुधवार को समाप्त हो रही थी। अब उन्हें बुधवार को ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया। अब पूजा सिंघल 8 जून तक न्यायिक हिरासत में रहेगी।
Alleged money laundering case | Suspended Jharkhand Mines Secretary Pooja Singhal sent to judicial custody till 8th June.
— ANI (@ANI) May 25, 2022
ईडी ने पूजा सिंघल से गिरफ्तारी के बाद लगातार 14 दिनों तक पूछताछ की है। नियमानुसार गिरफ्तार किसी आरोपित को अधिकतम 14 दिनों की हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती है। यह पूछताछ की अधिकतम सीमा है। इसी मामले में उनके पति अभिषेक झा के सीए सुमन कुमार से 13 दिनों की पूछताछ के बाद 20 मई को जेल भेज दिया गया था।
बता दें कि रिमांड अवधि खत्म के बाद अदालत ने आरोपित को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। ईडी की टीम ने निलंबित खनन सचिव पूजा सिंघल को 11 मई को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद ईडी ने पूछताछ के लिए पहली बार पांच दिनों की रिमांड पर लिया था। 16 मई को रिमांड अवधि खत्म होने के बाद अदालत में पेश किया गया। ईडी ने दूसरी बार चार दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की। 20 मई को अदालत में पेशी के साथ पांच दिनों की रिमांड पर फिर अपने साथ ईडी ले गई। पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। उसी के आधार पर ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है।
जी कार्तिकेयन के मामले में बुधवार को फैसला, ऊंची कीमत पर ठेका देने का आरोप
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत भ्रष्टाचार के अभियुक्त फूड कारपोरेशन आफ इंडिया (एफसीआइ) रांची के तत्कालीन महाप्रबंधक जी कार्तिकेयन के मामले में बुधवार को फैसला सुनाएगी। इस मामले में बहस पूरी होने के बाद सीबीआइ कोर्ट ने 21 मई को फैसले सुनाने की तिथि निर्धारित की थी। लेकिन कोर्ट नहीं बैठने के कारण फैसला टल गया और इसके लिए 25 मई की तिथि निर्धारित की गई है। जी कार्तिकेयन पर आरोप है कि जीएम रहते उन्होंने गढ़वा के किशोर इंटरप्राइजेज को ऊंची कीमत पर ठेका दिया था।
कम कीमत पर टेंडर में शामिल होने वाली कंपनियों को इन्होंने नजरअंदाज कर दिया था। जिससे सरकार को लाखों रुपये राजस्व की क्षति हुई थी। इसकी शिकायत पर सीबीआइ को मिली थी। सीबीआइ ने मई 2015 में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। 28 फरवरी 2018 को जी कार्तिकेयन एवं ठेकेदार जुगल किशोर के खिलाफ अदालत ने आरोप गठित किया था। मामले में 13 अगस्त 2019 को अभियोजन साक्ष्य बंद हो गया था।