हेमंत सोरेन खदान लीज मामला: हड़कंप मचाने वाले दस्तावेज पर सुप्रीम कोर्ट में 24 को विशेष सुनवाई
Jharkhand News झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटन और शेल कंपनियों में निवेश मामले में सुप्रीम कोर्ट में 24 मई को सुनवाई होगी। जस्टिस यूयू ललित जस्टिस एसआर भट्ट और जस्टिस एस धुलिया की अदालत ने याचिका को अवकाशकालीन पीठ में भेज दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटन और शेल कंपनियों में निवेश मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को आंशिक सुनवाई हुई। अब इस मामले में 24 मई को अगली सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एसआर भट्ट और जस्टिस एस धुलिया की अदालत ने राज्य सरकार की अपील याचिका को अवकाशकालीन पीठ में भेजते हुए 24 मई को सुनवाई की तिथि निर्धारित कर दी। इसी दिन सुबह 11 बजे झारखंड हाई कोर्ट में भी इस मामले में सुनवाई होनी है।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर से पेश सीलबंद रिपोर्ट पेश किए जाने और याचिका की वैधता के खिलाफ अपील दायर की है। राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला राज्य के मुख्यमंत्री से जुड़ा है और ईडी इस तरह सीलबंद रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं कर सकती है। सीलबंद रिपोर्ट सरकार को भी दिया जाना चाहिए। बिना दस्तावेज सरकार किस आधार पर जवाब दाखिल करेगी।
सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को कहा था कि झारखंड हाई कोर्ट ने अभी याचिका स्वीकार नहीं की है, लेकिन ईडी ने सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दिया है। ईडी की सीलबंद रिपोर्ट जनहित याचिका के प्रतिवादियों को नहीं दिया गया हैं, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य व्यक्ति शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा कि सरकार इन गोपनीय दस्तावेजों को हासिल करना चाहती है। इस कारण सीलबंद रिपोर्ट तक पहुंचना चाह रही है।
बता दें कि शिवशंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में दो अलग-अलग जनहित याचिका दाखिल की है। एक में मुख्यमंत्री और उनके करीबियों पर शेल कंपनी बनाकर पैसे निवेश करने का आरोप लगाया गया है। वहीं, दूसरे में मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री रहते हेमंत सोरेन के रांची के अनगड़ा में खनन पट्टा लिए जाने का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआइ और ईडी से जांच कराने का आग्रह किया गया है।