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President Election 2022: अमित शाह से मिले हेमंत सोरेन, द्रौपदी मुर्मू को समर्थन पर कहा- जो हुआ आपने देखा, बाकी ब्रेक के बाद...

President Election 2022 झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति चुनाव 2022 में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सोमवार को हेमंत नई दिल्ली में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मिले।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 10:38 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 10:38 PM (IST)
President Election 2022: अमित शाह से मिले हेमंत सोरेन, द्रौपदी मुर्मू को समर्थन पर कहा- जो हुआ आपने देखा, बाकी ब्रेक के बाद...
President Election 2022: झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

रांची, राज्य ब्यूरो। President Election 2022 राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए या संयुक्‍त विपक्ष के प्रत्याशी को समर्थन देने के मसले पर पसोपेश में पड़े सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। अमित शाह संग मुलाकात को राष्ट्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के साथ झुकाव प्रदर्शित करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

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आदिवासी केंद्रित राजनीति के कारण झामुमो ने द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा के बाद ही उन्हें समर्थन के संकेत दिए थे। इस संबंध में बीते शनिवार को हेमंत सोरेन के सरकारी आवास पर हुई झामुमो विधायकों और वरीय नेताओं की बैठक में सर्वसम्मति नहीं बन पाई थी। उसी बैठक में यह निर्णय हुआ था कि हेमंत सोरेन नई दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।

हालांकि कांग्रेस प्रमुख की बजाय उनकी मुलाकात मल्लिकार्जुन खड़गे से हुई। राजनीतिक गलियारे में इसे राष्ट्रपति चुनाव को लेकर झामुमो के आधिकारिक फैसले से पूर्व की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। इन मुलाकातों के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से बस इतना ही कहा कि अभी मुलाकात हुई है, बाकी ब्रेक के बाद। आधिकारिक तौर पर इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है, लेकिन इसके पीछे कई प्रकार की राजनीतिक अटकलें भी लगाई जा रही हैं।

द्रौपदी मुर्मू को समर्थन से बढ़ेगी भाजपा संग नजदीकी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और हेमंत सोरेन की मुलाकात को राष्ट्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन के लिए झामुमो के अगले कदम के तौर पर देखा जा रहा है। अगर इस दिशा में निर्णय हुआ तो झामुमो के कई हित सधेंगे। भाजपा के साथ इससे झामुमो की नजदीकी बढ़ सकती है। कांग्रेस के साथ सरकार गठन के बाद से भाजपा संग रिश्ते में तल्खी आई है। भाजपा ने उनकी चौतरफा घेराबंदी कर रखी है।

निर्वाचन आयोग के साथ-साथ झारखंड हाई कोर्ट में उनके खिलाफ मामले चल रहे हैं। ऐसे में भाजपा संग बेहतर रिश्ते से उन्हें राजकाज चलाने में आसानी हो सकती है। हेमंत सोरेन की कवायद को इसी नजरिये से देखा जा रहा है। द्रौपदी मुर्मू को समर्थन से आदिवासी केंद्रित राजनीति करने वाली झामुमो को दूरगामी फायदा होगा। इससे पूर्व राज्य में 2009 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मिलकर सरकार बनाई थी।

उस समय हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बनाए गए थे। हालांकि एटामिक डील पर तत्कालीन यूपीए सरकार को लोकसभा में समर्थन देने के कारण भाजपा ने सरकार से हाथ खींच लिया था, लेकिन दोनों दलों के बीच समन्वय बना रहा। झामुमो के समर्थन से राज्य में अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में सरकार बनी। सरकार में हेमंत सोरेन उप मुख्यमंत्री बनाए गए। सरकार करीब 28 महीने चली। इसके बाद हेमंत सोरेन ने अपने नेतृत्व में सरकार बनाने की मांग की, लेकिन भाजपा द्वारा नकारे जाने के बाद उन्होंने समर्थन वापस ले लिया।

भाजपा संग नजदीकी के खतरे भी

हेमंत सोरेन अगर भाजपा के साथ नजदीकी बढ़ाएंगे तो नफा के साथ इसका नुकसान भी हो सकता है। कांग्रेस इससे बिदक सकती है। राज्य में हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस साझीदार है। कांग्रेस ने भाजपा विरोध के नाम पर इन्हें समर्थन दे रखा है। ऐसे में झामुमो के अगले कदम पर नजर होगी। हालांकि कांग्रेस का मानना है कि आदिवासी केंद्रित राजनीति के कारण झामुमो की द्रौपदी मुर्मू से नजदीकी स्वाभाविक है, लेकिन इसकी आड़ में भाजपा के करीब जाने की स्थिति में पार्टी अपने स्तर से निर्णय करेगी।

झामुमो ने यशवंत सिन्हा के नामांकन से बनाई दूरी

भाजपा विरोधी राजनीति के बावजूद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विपक्ष के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के नामांकन समारोह से दूरी बनाई। इससे भी स्पष्ट होता है कि झामुमो का झुकाव राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के साथ है। हालांकि विपक्ष का साझा प्रत्याशी तय करने के पूर्व नई दिल्ली में ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में झामुमो की तरफ से सांसद विजय हांसदा ने भाग लिया था। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी इस ओर ध्यान दिलाया है।

सरना धर्म कोड और रायल्टी पर हुई बात

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात में सरना धर्म कोड और राज्य की केंद्र से मिलने वाली रायल्टी पर बातचीत हुई है। झामुमो के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने अपनी भावना से केंद्रीय गृहमंत्री को अवगत कराया है। राज्य सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर सरना आदिवासी धर्म कोड को जनगणना में शामिल करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कई अवसर पर केंद्र से 1.36 लाख करोड़ बकाया रायल्टी का दावा ठोक चुके हैं।

क्या कहते हैं विभिन्न दलों के नेता

मुझे इस संबंध में कुछ जानकारी नहीं है। मेरी जानकारी में राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात की है। दीपक प्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

केंद्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री की मुलाकात को स्वाभाविक तौर पर देखा जाना चाहिए। राज्य हित से जुड़े मुद्दे उनके समक्ष उठाए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने इसकी ओर ध्यान दिलाया है। राजेश ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी के तरफ से निर्णय लेने के लिए अध्यक्ष शिबू सोरेन को अधिकृत किया गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात में राज्य हित के मामलों से उन्हें अवगत कराया है। झामुमो के लिए झारखंड का हित सर्वोपरि है। विनोद पांडेय, केंद्रीय समिति सदस्य, झामुमो


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