झारखंड के 18 जिलों के 129 प्रखंड सूखाग्रस्त, चार और जिलों से रिपोर्ट तलब
कैबिनेट ने कृषि विभाग की रिपोर्ट पर खूंटी, गुमला, हजारीबाग और सिमडेगा में राहत देने की तैयारी की है। राज्य कार्यकारिणी समिति ने सूखा राहत के लिए 100 करोड़ रुपये देने की अनुमति दी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार ने सूखाग्रस्त 18 जिलों के 129 प्रखंडों में राहत पहुंचाने के साथ-साथ चार और जिलों के हालात की जानकारी फिर से लेने का निर्णय लिया है। कृषि अधिकारियों से इन चार जिलों क्रमश: हजारीबाग, खूंटी, गुमला और सिमडेगा की रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई पूरी होगी। इन चार जिलों में भी फसल को क्षति पहुंचने की बात कही जा रही है।
सरकार ने मॉनसून और रोपा में देरी और बाद में सितंबर महीने में ओलावृष्टि के कारण फसल को क्षति के आधार पर यह फैसला लिया है। इस बीच, मंगलवार को ही राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में सूखा राहत के लिए सौ करोड़ रुपये जारी करने की अनुशंसा की गई है। कैबिनेट ने इस पर मुहर लगाते हुए प्रभावित जिलों को राशि आवंटन करने को कहा है। पूर्वी सिंहभूम, प. सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां राज्य के ऐसे जिले हैं जहां खेती की हालत ठीक है। मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 15 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।
16 वर्षों में 4508 करोड़ बढ़ गया प्रोजेक्ट कास्ट, सरकार बोली-इसके बाद नहीं देंगे पैसा : वर्ष 2002 में रेलवे मंत्रालय के साथ हुए छह रेल परियोजनाओं के लिए करार की प्राक्कलित राशि बढ़कर 6505 करोड़ रुपये हो गई है। इनमें से तीन परियोजनाएं पूर्ण हैं जबकि दो मार्च 2019 में पूर्ण होंगी और एक 2019-20 में पूर्ण होने की संभावना जताई गई है। करार का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ाया गया है।
2002 में झारखंड सरकार और रेल मंत्रालय के बीच हुए करार के अनुसार इस योजना को 1997 करोड़ में पूरा कर लेना था। धीरे-धीरे परियोजना की राशि बढ़ती गई। 2012 तक प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने के कारण प्राक्कलन बढ़कर 3771 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद अब अंतिम रूप से परियोजना राशि 6505 करोड़ रुपये हो गई है और कैबिनेट ने स्पष्ट प्रस्ताव दिया है कि मार्च 2020 तक परियोजना पूरी नहीं हुई तो इसके बाद राशि नहीं बढ़ाई जाएगी। फिलहाल परियोजना को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को 365 करोड़ रुपये देने हैं और कैबिनेट ने इसमें से 114 करोड़ रुपये की राशि भी विमुक्त करने का निर्णय लिया है।
राज्य और रेल मंत्रालय के बीच करार के अनुसार खर्च का ब्यौरा : 1. रांची-बरकाकाना-हजारीबाग-कोडरमा : 203 किमी : 3361 करोड़ : 2020 में पूर्ण होगी। 2. रांची-लोहरदगा-टोरी : 113 किमी : 596 करोड़ : पूर्ण। 3. कोडरमा-तिलैया : 14 किमी : 196 करोड़ : मार्च 2019। 4. कोडरमा-गिरिडीह : 111 किमी : 1350 करोड़ : मार्च 2019। 5. देवघर-दुमका : 60 किमी : 433 करोड़ : पूर्ण। 6. दुमका-रामपुरहाट : 64 किमी : 569 करोड़ : पूर्ण। कुल : 6 परियोजनाएं : 565 किमी : 6505 करोड़।
कैबिनेट के अन्य फैसले: - वैट के तहत डीजल और पेट्रोल की कीमत को 2.5 रुपये कम करने के फैसले को घटनोत्तर स्वीकृति।- भगवान बिरसा जैविक उद्यान के लिए अधिसूचित झारखंड चिडिय़ाघर प्राधिकरण के नियम एवं बायलॉज में संशोधन। अब भवन निर्माण से संबंधित निर्णय आसान होंगे।- रिम्स में सीटें 150 से बढ़ाकरण 250 करने के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के लिए 720 करोड़ के प्रस्ताव में से 120 करोड़ के व्यय को स्वीकृति।
- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग अंतर्गत ढाई करोड़ से अधिक की योजनाओं के लिए नियमों में संशोधन को स्वीकृति दी गई।- मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोर्ट से अनुदान की सीमा 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ करने का फैसला।- धनबाद के पुटकी अंचल के लिए 18 कर्मियों के पद स्वीकृत।- पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर जिला अंतर्गत गोलमुरी सह जुगसलाई अंचल हेतु पूर्व से स्वीकृत पदों का स्थानांतरण नव सृजित अंचल जमशेदपुर में किए जाने एवं नव सृजित अंचल मानगो हेतु 18 पदों को स्वीकृति प्रदान की गई।
- धनबाद के दो अंचलों कलियासोल के लिए 18 पदों और एवं एग्यारकुंड के लिए 17 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई।- लातेहार जिला के नवसृजित सरयू प्रखंड के लिए 13 पदों के सृजन का फैसला।- जिला एवं सत्र न्यायधीश (पंचम) धनबाद के न्यायालय द्वारा पारित न्यायादेश के आलोक में सड़क दुर्घटना के पीडि़तों को मुआवजा भुगतान हेतु एवं विभिन्न उपायुक्त द्वारा झारखंड विक्टिम कंपनसेशन स्कीम 2016 के तहत पीडि़तों को मुआवजा भुगतान हेतु झारखंड आकस्मिकता निधि से कुल 5.77 राशि अग्रिम के रूप में देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।- राज्य योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में मीठी क्रांति के तहत मधुमक्खी पालन की योजना हेतु कुल राशि एक सौ करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति और 10 करोड़ व्यय की स्वीकृति दी गई।
देवघर के मोहनपुर में 17.31 एकड़ रेलवे को : देवघर जिले के मोहनपुर अंचल अंतर्गत कई मौजा में कुल रकबा 17.31 एकड़ गैर मजरुआ आम एवं खास जमीन 13.47 करोड़ रुपये लेकर रेलवे को देने का निर्णय लिया गया है।