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Jharkhand Assembly Election 2019: रामेश्‍वर उरांव के बयान पर भाजपा ने ली चुटकी, पूछा-साथियों को क्‍यों बता रहे चोर

प्रदेश प्रवक्‍ता प्रतुल शाहदेव ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने महागठबंधन के साथियों की तुलना चोरों से करके असलियत बयां कर दी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 01:46 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 07:58 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: रामेश्‍वर उरांव के बयान पर भाजपा ने ली चुटकी, पूछा-साथियों को क्‍यों बता रहे चोर

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के बयान पर भाजपा ने चुटकी ली है। प्रदेश प्रवक्‍ता प्रतुल शाहदेव ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने महागठबंधन के साथियों की तुलना चोरों से करके असलियत बयां कर दी। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सोमवार को प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी जिसमें उरांव ने महागठबंधन में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बोलते हुए कहा था कि चोर लोग चोरी करते समय एक रहते हैं  और चोरी का माल बांटते समय अलग हो जाते हैं।

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प्रतुल ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी रामेश्वर उरांव जी से जानना चाहती है कि वह यहां अपने किन - किन साथियों की तुलना चोर से कर रहे हैं। क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन जी या झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल जी को या राजद के लालू यादव जी के परिपेक्ष्य में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा यह कहा गया है? प्रतुल ने कहा कि एक बार हेमंत सोरेन ने भी अपने सहयोगी दलों को कंकर- पत्थर कहा था। आज कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने अपने सहयोगियों को की तुलना चोरों से कर डाली। महागठबंधन की असलियत अब सबके सामने है।

प्रतुल ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर भी निशाना साधा। कहा, इन्होंने जेपीएससी में आदिवासी-मूलवासी के हितों की अनदेखी करते हुए सीएसएटी प्रणाली लागू की। जेपीएससी में स्थानीय भाषा के वेटेज को कम किया। स्थानीय नीति परिभाषित नहीं की। ग्राम सभा को कमजोर करने का कार्य किया और बालू घाटों को यहां से छीन कर मुंबई में नीलाम कर दिया। राज्यसभा में आदिवासी मूलवासी को टिकट ना देकर मुक्तिनाथ उपाध्याय और केडी सिंह जैसे थैलीशाह को टिकट दिया। इस मौके पर भाजपा के सह मीडिया प्रभारी संजय जायसवाल भी मौजूद थे।

भाजपा प्रवक्‍ता के पांच उदाहरण 

  1. इन्होंने जेपीएससी में आदिवासी मूलवासी के हितों की अनदेखी करते हुए CSAT प्रणाली लागू किया
  2. जेपीएससी में स्थानीय भाषा के वेटेज को कम किया
  3. स्थानीय नीति परिभाषित नहीं किया और लाखों आदिवासी मूल वासियों को नौकरी से वंचित किया
  4. ग्राम सभा को कमजोर करने का कार्य किया और बालू घाटों को यहां से छीन कर मुंबई में नीलाम कर दिया
  5. राज्यसभा में आदिवासी मूलवासी को टिकट ना देकर मुक्तिनाथ उपाध्याय और केडी सिंह जैसे थैलीशाह को टिकट दिया।

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