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जब वोट देने की उम्र 18 तो चुनाव लड़ने की 25 क्यों?

रांची : झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने एक नई बहस छेड़ी है। उनकी दलील है कि चुनाव ल

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Nov 2017 03:02 AM (IST)Updated: Wed, 22 Nov 2017 03:02 AM (IST)
जब वोट देने की उम्र 18 तो चुनाव लड़ने की 25 क्यों?
जब वोट देने की उम्र 18 तो चुनाव लड़ने की 25 क्यों?

रांची : झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने एक नई बहस छेड़ी है। उनकी दलील है कि चुनाव लड़ने की न्यूनतम सीमा 25 वर्ष से घटाकर कम करना चाहिए। बेहतर यह होगा कि इसे 18 वर्ष कर दिया जाए। जब कोई युवा 18 वर्ष की उम्र में यह तय कर सकता है कि वह किस दल अथवा व्यक्ति के पक्ष में वोट करेगा तो उसे चुनाव लड़ने का भी अधिकार होना चाहिए। दिनेश उरांव ने इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उठाया है। बीते छह नवंबर को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में राष्ट्रमंडल ससंदीय संघ की बैठक में उनका विषय इसी के इर्दगिर्द था। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इससे शासन की प्रक्रिया में युवाओं की आवाज को अधिकाधिक प्रभावकारी तरीके से महसूस किया जा सकेगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प 2250 का हवाला देते हुए उन्होंने बैठक में कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास में युवाओं की सोच और उनके विचारों को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए। भारत की आबादी का एक तिहाई हिस्सा 30 वर्ष से कम है। इसका सीधा मतलब यह है कि युवाओं के विकास के नजरिये पर हीं देश आश्रित है। देश की सकल राष्ट्रीय आय का 34 फीसद हिस्सा केवल वैसे युवाओं के माध्यम से आता है जो 30 वर्ष से कम आयु के हैं। युवाओं की सोच अच्छी व सकारात्मक होती है। वे सही मंच पर तर्कसंगत तरीके से अपनी बातें रखते हैं।

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निर्धारित हो राजनीति से रिटायरमेंट की भी उम्र :

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के सम्मेलन ने चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र सीमा को घटाने पर एक नई बहस पैदा की। इसके साथ हीं यह भी मांग उठी कि जब वोट देने और चुनाव लड़ने के लिए आयु सीमा का निर्धारण किया गया है तो सक्रिय राजनीति से रिटायरमेंट की उम्र सीमा भी तय की जा सकती है। इससे नई पीढ़ी को आगे आने और सक्रिय होने का मौका मिलेगा।

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44 देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष रखी बात :

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ में दुनियाभर के 52 देश शामिल हैं। ढाका में हुई बैठक में 44 देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें हिस्सा लिया। सम्मेलन में आठ विषयों पर चर्चा हुई जिसमें संसदीय प्रक्रियाओं से युवाओं को जोड़ना और जलवायु परिवर्तन मुख्य विषय था। इन दोनों विषयों पर हुई चर्चा में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने भाग लिया। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की बैठक में भारत से 25 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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