Move to Jagran APP

Jharkhand Land Mutation Bill 2020: कैबिनेट के फैसले पर अपनों का विरोध, लैंड म्यूटेशन बिल लटका

कैबिनेट से पास लैंड म्यूटेशन बिल मानसून सत्र में पेश नहीं किया जाएगा। सरकार इस बिल में संशोधन करने की मंशा रख रही है और माना जा रहा है कि पूर्व में तैयार राजस्व पदाधिकारी संरक्षण..

By Vikram GiriEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 10:43 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 01:50 PM (IST)
Jharkhand Land Mutation Bill 2020: कैबिनेट के फैसले पर अपनों का विरोध, लैंड म्यूटेशन बिल लटका
Jharkhand Land Mutation Bill 2020: कैबिनेट के फैसले पर अपनों का विरोध, लैंड म्यूटेशन बिल लटका

रांची (राज्य ब्यूरो) । कैबिनेट से पास लैंड म्यूटेशन बिल मानसून सत्र में पेश नहीं किया जाएगा। सरकार इस बिल में संशोधन करने की मंशा रख रही है और माना जा रहा है कि पूर्व में तैयार राजस्व पदाधिकारी संरक्षण अधिनियम के हिस्से को इससे अलग कर दिया जाएगा। झामुमो और कांग्रेस विधायकों के विरोध को देखते हुए सरकार ने पूरे मसले को संवेदनशीलता से लिया है और मुख्यमंत्री अपनी कोर टीम से चर्चा के बाद ही इसे सदन में लाएंगे। कांग्रेस विधायकों के विरोध को देखते हुए गुरुवार की देर रात आलमगीर आलम और डॉ. रामेश्वर उरांव मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे और कांग्रेस विधायक दल में इस मुद्दे पर विरोध से अवगत कराया। सूत्रों के अनुसार झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह भी इस  बिल को पेश किए जाने के पक्ष में नहीं हैं। कई विधायकों ने उनसे बात कर विरोध जताया है।

loksabha election banner

बैठक में कांग्रेस विधायकों ने किया था जोरदार विरोध

झारखंड की सत्ता में पार्टनर कांग्रेस विवादित म्यूटेशन बिल पर सरकार के साथ नहीं दिख रही है। गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह भावना उभर कर आई कि यह बिल लोकहित हित में नहीं है। विधायकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने म्यूटेशन बिल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से चर्चा करने का आश्वासन विधायकों को दिया और देर रात मुलाकात भी की।

कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के नेतृत्व में मानसून सत्र के पूर्व हुई बैठक में

लैंड म्यूटेशन बिल पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई। आमजन के विरोध को देखते हुए पार्टी ने यह निर्णय लिया कि इस बिल को लेकर सरकार से विचार-विमर्श कर ऐसा फैसला लेने का अनुरोध किया जायेगा। बिल का सबसे पहले विरोध विधायक बंधु तिर्की ने किया जिसके बाद अन्य विधायक समर्थन में आ खड़े हुए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे आलमगीर आलम ने विधायकों को आश्वस्त किया था कि वह प्रदेश अध्यक्ष के साथ इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से चर्चा जरूर करेंगे।

बैठक में बेरमो एवं दुमका विधानसभा उपचुनाव को लेकर गहन चिंतन-मंथन किया गया। पार्टी के सभी विधायकों को सत्र के बाद उपचुनाव में मजबूती के साथ लग जाने की बात कही गई एवं कैसे दोनों उपचुनाव में महागठबंधन प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो, इसको लेकर व्यापक रणनीति बनायी गई।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी  के प्रवक्ता शमशेर आलम ने बताया कि बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान विभिन्न अवसरों पर जनहित के मुद्दों को झारखंड विधानसभा नियमावली एवं प्रक्रिया के तहत उठाने का भी निर्देश दिया गया।

वित्तीय हालत दुरुस्त होते ही आवंटित होंगे 2000 करोड़ रुपए : रामेश्वर

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति दुरुस्त होते ही ऋण माफी के लिए 2000 करोड़ रुपए की राशि कृषि विभाग को उपलब्ध करा दी जाएगी। बैठक में किसान ऋण माफी को लेकर चर्चा हुई, जिसमें वित्त मंत्री के रूप में डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति थोड़ी और अच्छी हो जाए, तो एक माह के अंदर दो हजार करोड़ रुपए उपलब्ध करा दी जायेगी ताकि किसानों को ऋण माफी का लाभ मिल सके। बैठक में मंत्री सर्वश्री बन्ना गुप्ता, बादल, विधायक प्रदीप यादव, बंधु तिर्की, उमाशंकर अकेला, ममता देवी, पूर्णिमा नीरज सिंह, दीपिका पांडेय सिंह, सोनाराम सिंकू, रामचन्द्र सिंह, भूषण बाड़ा आदि उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.