सदन में लहराया 'जागरण', तल्ख सवालों पर हांफे स्वास्थ्य मंत्री
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की अनियमितताएं सदन में शुक्रवार को एक-एक कर उजागर हुई
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की अनियमितताएं सदन में शुक्रवार को एक-एक कर उजागर हुई। चौतरफा सवालों की जब झड़ी लगी तो स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी हांफते नजर आए। एक बार तो उन्होंने सवाल उठाने वाले पर ही जिम्मेदारी थोपते हुए कहा कि अगर कोई डाक्टर निजी प्रैक्टिस करता है आप ही धर कर (पकड़कर) हमें दे दीजिए। हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। दरअसल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सत्तारूढ़ दल के सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने रिम्स की बदइंतजामी का मामला उठाया था। उन्होंने दैनिक जागरण शुक्रवार के अंक में छपी खबर का हवाला देते हुए अखबार की प्रति आसन को दिखाई। कहा, जिस संस्थान का निदेशक 22 महीने में 12 महीने छुंट्टी पर रहता है, उसका क्या हाल होगा? इसपर मंत्री सीपी सिंह ने बीचबचाव की कोशिश करते हुए रिम्स की तारीफ में कहा तो नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने आपत्ति दर्ज की।
इसके बाद मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने रिम्स निदेशक का पक्ष लेते हुए कहा कि वे कई संस्थाओं के सदस्य हैं। हमेशा अवकाश स्वीकृत कराकर दौरे पर जाते हैं। राधाकृष्ण किशोर ने उनसे पूछा कि 262 चिकित्सकीय उपकरण में से कितने उपकरण रिम्स में अधिष्ठापित किए गए हैं तो मंत्री ने जबाव दिया कि 18 को छोड़ सारे उपकरण लगाए जा चुके हैं। राधाकृष्ण किशोर ने मंत्री ने पूछा कि सीटीवीएस क्या होता है, आप जानते हैं। मंत्री बगले झांकने लगे। बस हकलाते हुए बताया कि कार्डियो थेरेपी होता है। फिर राधाकृष्ण किशोर ने सवाल पूछा कि रिम्स के डाक्टर बड़े पैमाने पर निजी प्रैक्टिस करते हैं। आजतक कितने डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई हुई है? मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि राधाकृष्णजी पकड़ कर दे देंगे तो हम कार्रवाई करेंगे। इसपर राधाकृष्ण नाराज हुए और कहा कि हमें क्या करना है यह आपसे सीखने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी के कार्यकाल में जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ज्यादा डाक्टर प्रैक्टिस नहीं करने का भत्ता लेते हैं और निजी प्रैक्टिस करते हैं।
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महाराष्ट्र की नीति लागू कर सकते हैं :
राधाकृष्ण किशोर ने स्वास्थ्य मंत्री को महाराष्ट्र की नीति लागू करने की नसीहत दी। बताया कि वहां बहाली होने के बाद पांच साल तक निजी प्रैक्टिस की मनाही है। डाक्टरों को सख्त निर्देश है कि वे सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक ड्यूटी करेंगे। इस अवधि के बाद वे निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं। अस्पताल के पांच किलोमीटर के दायरे में सरकारी डाक्टर निजी प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। सवालों की झड़ी से हड़बड़ाए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनहित में सब करेंगे।
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