Jharkhand Assembly: जेएनयू की घटना पर सदन ने जताई चिंता, केंद्र को कराया जाएगा अवगत
Jharkhand Assembly. एंग्लो इंडियन का कोटा खत्म करने पर विधानसभा सहमत नहीं है। लोस व विस में एससी एसटी के आरक्षण की समय सीमा बढ़ाने पर सहमति बनी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विधानसभा ने जामिया से लेकर जेएनयू जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में छात्रों पर हो रहे बर्बर हमले पर अपनी चिंता व्यक्त की है। सदन ने बुधवार को सरकारी संकल्प के माध्यम से यह चिंता व्यक्त की। साथ ही इसे लेकर भारत सरकार को अवगत कराने का प्रस्ताव पारित किया गया। इससे पहले, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने इस संबंध में प्रस्ताव लाया।
उन्होंने लोकसभा तथा राज्यसभा द्वारा पारित संविधान (126वां) संशोधन विधेयक पर झारखंड विधानसभा के समर्थन से संबंधित प्रस्ताव सरकारी संकल्प के माध्यम से ही लाया। इसके एक खंड में लोकसभा और विधानसभा में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों के आरक्षण को दस वर्ष बढ़ाने के प्रावधान पर समर्थन के प्रस्ताव पर सहमति बनी।
वहीं, दूसरे खंड में पारित संशोधन विधेयक में लोकसभा तथा विधानसभा में एंग्लो इंडियन के कोटे के खत्म करने के प्रावधान पर झारखंड विधानसभा के समर्थन के प्रस्ताव को अस्वीकृत करने का प्रस्ताव लाया गया जो स्वीकृत हो गया। इससे पहले, इस पर भाजपा विधायक राज सिन्हा ने विरोध करते हुए कहा कि लोकसभा की भावना को विधानसभा नहीं बदल सकती।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2026 तक कोई भी सरकार एक भी सीट नहीं घटा सकती। इस पर भाजपा विधायक सीपी सिंह संबंधित पत्र दिखाने की मांग करने लगे। इसे लेकर भाजपा विधायक विरोध करने लगे और वेल में आ गए। बाद में भाजपा विधायकों ने सदन का बहिष्कार भी कर दिया। इस बीच एंग्लो इंडियन के कोटे को खत्म करने से संबंधित प्रावधान के समर्थन के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया।
क्या है मामला
लोकसभा और विधानसभाओं में एससी व एसटी के आरक्षण की समय सीमा 25 जनवरी, 2020 को समाप्त हो रही है। संशोधन विधेयक में इसे 25 जनवरी 2030 तक बढ़ाने का प्रावधान है। झारखंड विधानसभा ने इसका समर्थन कर दिया। वहीं, लोकसभा व विधानसभाओं में एंग्लो इंडियन कोटे को भी खत्म करने का संशोधन विधेयक में प्रावधान है। झारखंड विधानसभा ने इसका समर्थन नहीं किया।
झारखंड विधानसभा में एक सीट का है कोटा
70 साल से इस समुदाय के दो सदस्य लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वहीं, झारखंड विधानसभा में भी इस समुदाय का एक कोटा है।