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Jharkhad विधानसभा चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरेगा I.N.D.I.A गठबंधन, इन मुद्दों पर बनाई जाएगी रणनीति

राज्य में आगामी पांच महीने बाद विधानसभा का चुनाव होना है और ऐसे में झामुमो के नेतृत्व में आइएनडीआइए विधानसभा चुनाव को लेकर काफी गंभीर हो गया है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने सरकारी विभागों को धरातल पर काम करने का टास्क दिया है। लगातार समीक्षा बैठकें की जा रही हैं और कई विभागीय मंत्रियों व वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में उनका फोकस कल्याणकारी योजनाओं को उतारने पर है।

By Pradeep singh Edited By: Shoyeb Ahmed Tue, 11 Jun 2024 11:47 PM (IST)
Jharkhad विधानसभा चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरेगा I.N.D.I.A गठबंधन, इन मुद्दों पर बनाई जाएगी रणनीति
Jharkhad विधानसभा चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरेगा I.N.D.I.A गठबंधन

प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड में लोकसभा चुनाव के परिणाम में भले ही सत्तारूढ़ आइएनडीआइए को तीन सीटों का लाभ हुआ है, लेकिन विधानसभा सीटों पर अभी भी बढ़त भाजपा की ही है।

इस परिणाम की विधानसभा चुनाव में पुनरावृत्ति हुई तो क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन पीछे रह जाएगा। परिणाम के मुताबिक राज्य की 81 विधानसभा सीटों में से 50 पर भाजपा की बढ़त रही है। यह संख्या सत्ता पर काबिज होने के लिए बहुमत के आंकड़े से अधिक है।

पांच महीने बाद होगा झारखंड का चुनाव

राज्य में अगले पांच महीने बाद विधानसभा का चुनाव होगा। ऐसे में झामुमो के नेतृत्व में आइएनडीआइए विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर हो गया है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने सरकारी विभागों को धरातल पर काम उतारने का टास्क दिया है।

वे लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। तमाम विभागीय मंत्रियों और वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में उनका फोकस कल्याणकारी योजनाओं को उतारने पर है, जिसमें दम पर सरकार फिर से लोगों के बीच जाएगी।

गठबंधन टीम वर्क के साथ चुनाव में उतरेगा

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिन योजनाओं की शुरूआत की थी, उन योजनाओं में अधिकाधिक लक्ष्य हासिल करने का निर्देश इसी सोच के तहत दिया गया है। सहयोगी कांग्रेस की तरफ से भी इस बाबत सुझाव आएंगे।

गठबंधन टीम वर्क के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में उतरेगा। इसके अलावा स्थानीयता का मुद्दा, सरना धर्म कोड, आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने संबंधी मुद्दे को भी जोरशोर से उछालने की तैयारी है। इसके लिए संयुक्त रणनीति बनाई जा रही है।

पुनरावृति नहीं होती लोकसभा चुनाव परिणाम की

राज्य में लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को विधानसभा चुनाव में दोहराने की प्रथा नहीं रही है। वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव इसका साक्षी है, जब 12 सीटों पर राजग का कब्जा था। झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को सिर्फ दो सीटें आई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में गठबंधन ने भाजपा को पीछे धकेल दिया। उक्त चुनाव में भाजपा का आजसू पार्टी से गठबंधन नहीं हो पाया था।

लोकसभा में आइएनडीआइए के पक्ष में सभी आदिवासी सुरक्षित सीटों का परिणाम है। विधानसभा में राज्य में कुल 28 आदिवासी सुरक्षित सीटें हैं, जबकि 10 अनुसूचित जाति सुरक्षित सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासी सुरक्षित सीटों पर बेहतर प्रदर्शन कर गठबंधन ने सत्ता हासिल करने में कामयाबी पाई थी।

कल्पना सोरेन की भूमिका बढ़ेगी

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की भूमिका आने वाले दिनों में बढ़ेगी। लोकसभा चुनाव में उनके कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी थी। हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति को उन्हें गठबंधन के भीतर महसूस नहीं होने दिया।

रणनीतिक तरीके से उन्होंने न सिर्फ प्रचार अभियान में हिस्सा लिया, बल्कि राजनीतिक विरोधियों पर भी निशाना साधा। कल्पना सोरेन विधानसभा के लिए निर्वाचित हो चुकी हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि समय कम है।

उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएंगी, उसे निभाएंगी। राजकाज में भागीदारी के साथ-साथ सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा में उन्हें बड़ा पद मिलेगा। वह केंद्रीय उपाध्यक्ष या महासचिव बनाई जा सकती हैं।

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