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एक साल पहले ही झारखंड ने हासिल किया स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य Ranchi News

Jharkhand. संकल्प व सामूहिक प्रयास से झारखंड ने स्वच्छता में मिसाल पेश की है। इस दौरान स्वच्छता की तस्वीर ही नहीं बदली बल्कि महिला सशक्तीकरण का नजारा भी दिखा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 09:44 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 10:25 AM (IST)
एक साल पहले ही झारखंड ने हासिल किया स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। दोरोथिया केरकेट्टा पेशे से शिक्षिका थीं। सेवानिवृत्ति के बाद 2010 में सिमडेगा के केरसाई प्रखंड में बासेन पंचायत की मुखिया बनीं। उस वक्त तक सिमडेगा का एक भी गांव खुले में शौच से मुक्त नहीं था। दोरोथिया ने अभियान चलाकर अपनी पंचायत के करंगागुड़ी गांव को सिमडेगा जिले में खुले में शौच से मुक्त प्रथम गांव बनने का गौरव दिलाया। यहां तक कि इसमें उन्हें शुरुआती दिनों में अपनी पेंशन की राशि का भी उपयोग करना पड़ा। दोरोथिया की इस साहसिक पहल को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।

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उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सम्मानित किया। दोरोथिया ने पहल की तो कारवां आगे बढ़ निकला। महिलाओं ने पूरे राज्य में शौचालय को अपने सम्मान से जोड़ा और इसे इज्जत घर का नाम दिया। लाखों महिलाएं इस मुहिम से जुड़ीं तो सरकार का साथ भी मिला। 55 हजार महिलाओं ने रानी मिस्त्री के रूप में शौचालय निर्माण में अपना योगदान दिया। नतीजा, झारखंड ने स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य एक वर्ष पूर्व हासिल कर लिया।

55 हजार महिला रानी मिस्त्रियों ने बना डाले 3.5 लाख से अधिक शौचालय
स्वच्छता की दिशा में झारखंड के बढ़ते कदम की यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट में हाल ही में सराहना की गई है। यह सराहना यूं नहीं की गई है। स्वच्छता की हर कसौटी पर झारखंड ने अपने साबित भी किया है। झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां 55 हजार महिला रानी मिस्त्रियों ने 3.5 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया। फरवरी 2018 में मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद देश भर में झारखंड की रानी मिस्त्रियों की तारीफ की थी।

लगातार चले अभियान से मिला मुकाम
स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य सरकार के स्तर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया गया। इस कड़ी में 26 जनवरी से 25 मार्च 2018 तक स्वच्छता संकल्प अभियान चलाया गया। राज्य की 15 लाख महिलाओं ने इसमें भाग लिया, जिसमें 55 हजार से अधिक महिलाओं ने रानी मिस्त्री के रूप में कार्य किया। एक जून से 30 जून तक स्वच्छता सहयोग अभियान चलाया गया। इसके तहत शौच से मुक्त हो चुके जिलों से स्वच्छता ग्राहियों, रानी मिस्त्रियों और राज मिस्त्रियों को सहयोग करने के उद्देश्य से उन जिलों में भेजा गया जो मानक में पीछे चल रहे थे।

देश भर में हासिल किया तीसरा स्थान
अगस्त 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर देश के सभी जिलों में स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 का आयोजन किया गया। देश भर में झारखंड ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। राज्य के दो जिलों देवघर को आइकोनिक श्रेणी और हजारीबाग को क्षेत्रीय श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। 15 सितंबर से दो अक्टूबर 2018 तक स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का आयोजन पूरे राज्य में किया गया। 27 सितंबर को उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने राज्य स्तरीय स्वच्छता संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में उन्होंने रानी मिस्त्रियों से संवाद किया और उनके कार्यों की सराहना की। दो अक्टूबर से 30 जनवरी 2018 तक स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाया गया।

स्वच्छ सुंदर शौचालय में पहला स्थान
झारखंड में अब ओडीएफ प्लस पर कार्य शुरू किया गया है। एक से 31 जनवरी 2019 तक स्वच्छ सुंदर शौचालय अभियान चलाया गया, जिसमें राज्यों की श्रेणी में झारखंड को प्रथम पुरस्कार मिला जबकि जिलों की श्रेणी में गिरिडीह जिला सबसे आगे रहा। विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में हजारीबाग जिले को चौथा और लोहरदगा जिले को सातवां स्थान प्राप्त हुआ।

फैक्ट फाइल

  • 02 अक्टूबर 2014 को पूरे राज्य में व्यक्तिगत शौचालयों का आच्छादन महज 16 प्रतिशत था।
  • वर्ष 2015-16 में बढ़कर यह 25 प्रतिशत, 2016-17 में बढ़कर 76 प्रतिशत हो गया।
  • 15 नवंबर 2018 को राज्य का आच्छादन 100 प्रतिशत हो गया। झारखंड ने एक वर्ष पूर्व हासिल किया स्वच्छता भारत मिशन का लक्ष्य।
  • इस अभियान के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 33.74 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया।
  • राज्य की 55,000 से अधिक महिलाओं ने रानी मिस्त्री के रूप में कार्य कर स्वच्छता संकल्प अभियान के तहत 3.5 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया।
  • मार्च 2015 में जहां व्यक्तिगत शौचालयों की संख्या 648958 थी वह अब बढ़कर 3993586 हो गई है।
  • इस अवधि के दौरान ओडीएफ गांवों की संख्या 36 से बढ़कर 29564 हो गई है।

झारखंड ने स्वच्छता के मानकों पर बड़ी लकीर खींची है। स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को न सिर्फ एक वर्ष पूर्व प्राप्त कर लिया है बल्कि महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी पेश की। 55 हजार रानी मिस्त्रियों ने स्वच्छता मिशन से जुड़कर राज्य को अलग पहचान दिलाई। -रामचंद्र सहिस, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री


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