Jamtara: सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए पथराव की जांच के लिए SIT गठित, वायरल मैसेज ने खोला घटना का राज
नारायणपुर में मां सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव व मारपीट मामले की जांच की अब एसआईटी की टीम करेगी। वाट्स-एप ग्रुप पर वायरल हुए वाइस मैसेज से यह स्पष्ट हो चुका है कि पूरा घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है।
जागरण संवाददाता, जामताड़ा: नारायणपुर के डोकीडीह गांव में मां सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक समुदाय विशेष की ओर से एकत्रित भीड़ के पथराव व मारपीट मामले की जांच की अब एसआईटी की टीम करेगी। इस मामले में नारायणपुर थाने की पुलिस ने 80 लाेगों को नामजद आरोपित बनाया है। इसके अलावा 400 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
नौ पुलिस अधिकारी गठित एसआईटी में शामिल
विभाग के वरीय अधिकारियों के निर्देश पर जामताड़ा एसडीपीओ आनंद ज्योति मिंज की अगुवाई में गठित एसआईटी में नौ पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस की तकनीकी शाखा को भी शामिल किया गया है। महकमे के वरीय पुलिस अधिकारियों की एसआईटी मामले के सभी आरोपितों को जल्द गिरफ्तार करने के साथ ही मामले की रोजाना की प्रगति रिपोर्ट विभाग को अपडेट करने के निर्देश जारी किए हैं।
छह दिन में सिर्फ एक आरोपित की गिरफ्तारी
वहीं, दूसरी ओर इस मामले में पुलिस ने छह दिन गुजर जाने के बाद महज एक आरोपित को गिरफ्तार कर पायी है। टीम ने इस मामले के एक मात्र आरोपित सद्दाम अंसारी को मंगलवार को गिरफ्तार किया था। 27 जनवरी की शाम मां सरस्वती प्रतिमा के विसर्जन के दौरान एक समुदाय विशेष की उपद्रवी भीड़ ने जमकर पथराव किया था और ग्रामीणों व पुलिस के साथ मारपीट की थी।
इस दौरान नारायणपुर सर्किल इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह समेत आधा दर्जन से भी ज्यादा पुलिस वाले जख्मी हो गए थे। इनमें से कई का अब तक इलाज चल रहा है। इसके अलावा एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
छठे दिन भी क्षेत्र में धारा 144 लागू
घटना के छठे दिन भी डोकीडीह गांव समेत पूरे डाभाकेंद्र पंचायत में धारा 144 लागू है। हालात ऐसे हैं कि पत्थरबाजी और उप्रदव का गवाह बना डोकीडीह गांव वीरान नजर आता है। गांव में महिलाओं और बच्चों को छोड़ ज्यादातर लोग गायब हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, अभी स्थिति सामान्य होने में काफी वक्त लग सकता है।
वायरल वाइस मैसेज ने खोला राज
पुलिस की टीम को अब तक मिले साक्ष्य और समुदाय विशेष के विभिन्न वाट्स-एप ग्रुप पर वायरल हुए वाइस मैसेज से यह स्पष्ट हो चुका है कि पूरा घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है। वहीं, गांव के छह से आठ घरों में लगी दर्जनभर के करीब बाइक और एक कार अबतक लावारिश अवस्था में ही पड़ी हुई है।
स्थानीय लोगों की मानें तो ये वही गाड़ियां हैं, जिनसे उपद्रव की तैयारी में जुटे कुछ असामाजिक तत्व घटना से पहले ही गांव में आकर डेरा जमाए बैठे थे।