शादी का झांसा देकर यौन शोषण मामले में हाई कोर्ट ने अभियुक्त को दी जमानत Jamshedpur News
Jamshedpur News अधिवक्ता अनुराग कश्यप ने अदालत को बताया कि अभियुक्त युवती के दीदी का देवर है और दोनों के बीच 5 साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था।
रांची, राज्य ब्यूरो। शादी का झांसा देकर युवती का यौन शोषण करने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने अभियुक्त गोंविंद कर्मकार को राहत प्रदान की है। जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को मानते हुए जमानत की सुविधा प्रदान की, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा है कि जब दोनों बालिग हैं, तो उनकी मर्जी से ही संबंध बने होंगे। अदालत ने दस-दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर गोविंद को जमानत देने का आदेश दिया।
गोविंद की ओर से अधिवक्ता अनुराग कश्यप ने अदालत को बताया कि अभियुक्त युवती के दीदी का देवर है और दोनों के बीच पांच साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया गया, जिसमें शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि जब लड़का और लड़की बालिग हैं और एक छत के नीचे रहते हैं, तो ऐसे में उनके बीच बने संबंध उनकी मर्जी से स्थापित किए गए हैं।
दोनों अपना नफा-नुकसान भी समझते हैं। अधिवक्ता ने कहा कि इसके अलावा इस मामले में सारी गवाही हो चुकी है। सिर्फ जांच अधिकारी की गवाही होनी थी, लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए मार्च 2020 से कोई गवाही नहीं हो रही है। वर्तमान हालात में अब गवाही होना संभव नहीं है। ऐसे में प्रार्थी को जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। इसके बाद अदालत ने गोविंद को जमानत प्रदान कर दी।
यह है मामला
पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूम थाने में युवती ने एक अगस्त 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि गोविंद ने शादी का झांसा देकर उसका पांच साल तक यौन शोषण किया। जब शादी करने को कहा, तो उसने इन्कार कर दिया। इस मामले में पुलिस ने 18 अगस्त 2019 को गोविंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब से वह जेल में था।