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RIMS में रोज सज रहा लालू का दरबार, जेल प्रशासन की भी मौन सहमति

लालू प्रसाद यादव के जनता दरबार लगाने पर जेल प्रशासन की भी मौन सहमति है क्योंकि जेल प्रशासन की अनुमति के बगैर कोई भी लालू से नहीं मिल सकता है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 08:18 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 11:43 AM (IST)
RIMS में रोज सज रहा लालू का दरबार, जेल प्रशासन की भी मौन सहमति
RIMS में रोज सज रहा लालू का दरबार, जेल प्रशासन की भी मौन सहमति

 खास बातें

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  • रिम्स में उड़ रही जेल मैनुअल की खुलेआम धज्जियां 
  • जेल अधीक्षक झाड़ रहे पल्ला, कहा रिम्स में ऐसा कुछ भी नहीं चल रहा है
  • चुनाव परिणाम के बाद से ही पेइंग वार्ड में हर दिन लग रहा है लालू का जनता दरबार
  • झारखंड व बिहार के बड़े-बड़े नेता लगा रहे हाजरी, पैर छूकर ले रहे आशीर्वाद
  • पेइंग वार्ड से सटे कॉटेज के कमरा नंबर 13 के बाहर बैठते है लालू 
  • पुलिसकर्मी करते है दिखावटी पहरा, पीछे के दरवाजे से आते है मुलाकाती

रांची, [अमन मिश्रा]। झारखंड में गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही रिम्स में हर दिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का दरबार सजने लगा है। चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव बीमार होने की शिकायत पर रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। यहां पिछले दो सप्ताह से हर दिन बिहार झारखंड के छोटे-बड़े नेता उनसे मिल रहे हैं और राजनीतिक सियासत पर उनसे परामर्श ले रहे हैं। लालू प्रसाद यादव के जनता दरबार लगाने पर जेल प्रशासन की भी मौन सहमति है, क्योंकि जेल प्रशासन की अनुमति के बगैर कोई भी लालू से नहीं मिल सकता है। 

रिम्स के पेइंग वार्ड में सुरक्षा में तैनात पुलिस को भी जेल प्रशासन से अनुमति लेकर आने वाले को ही मिलवाने का आदेश है। इससे इतर पुलिस आगे पहरा देती है और पीछे के रास्ते लालू तक दर्जनभर लोग हर दिन पहुंच रहे हैं और उनके साथ ताजा राजनीतिक हालात पर सलाह-मशविरा कर रहे हैं। 

लालू प्रसाद यादव रिम्स में कॉटेज के कमरा नंबर 13 के बाहर कुर्सी पर बैठते हैं और उनके सामने की कुर्सी पर दरबारी रहते हैं, जो घंटों उनसे बातचीत करते रहते हैं। उनसे मुलाकात करने वालों में बिहार व झारखंड के बड़े-बड़े नेता व राजद के अधिकारी-कार्यकर्ता शामिल हैं। दिन के 12 बजे के बाद से मुलाकात का सिलसिला शुरू होकर शाम के चार बजे तक चलता है। इस बीच आने वाले लोग उनका आशीर्वाद लेने के साथ-साथ बैठकर बातचीत करते हैं। 

खतरे में लालू की सुरक्षा 

जिस तरह लालू प्रसाद तक लोग खाने-पीने का सामान लेकर पहुंच रहे हैं, इससे लालू की सुरक्षा भी खतरे में है। जेल मैनुअल के अनुसार किसी भी बंदी को कोई भी बाहरी व्यक्ति खाने-पीने का सामान नहीं दे सकता है, क्योंकि पूर्व में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में विषाक्त भोजन से एक बंदी की मौत हो गई थी, जो उससे मिलने वाले ने ही पहुंचाया था। इतना ही नहीं, लालू जहां खुले में बैठते हैं, वहां तक अपराधी भी आसानी से पहुंचकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। जेल प्रशासन लालू प्रसाद की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है। 

बगैर जांच के खाद्य पदार्थ व अन्य सामान भी पहुंचता है लालू के पास

सजायाफ्ता लालू प्रसाद से सिर्फ मुलाकात ही नहीं, बल्कि लालू प्रसाद के पास बगैर जांच व इजाजत के खाद्य पदार्थ व अन्य सामान भी पहुंच रहा है। कॉटेज के बाहर बैठकर लालू प्रसाद मुलाकातियों के लाए सामान को उनके ही साथ बैठकर खाते भी है। दिन भर में करीब 8 से 10 लोग उनसे मुलाकात करते है। इस दौरान उनके सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी किसी अन्य व्यक्ति को उनके सामने तक जाने नहीं देते है, वहीं बिना अनुमति के जितने लोग भी मुलाकात करते है उनका अब भी कोई रिकॉर्ड जेल प्रशासन के रजिस्टर में दर्ज नहीं किया जाता।

अब बिहार चुनाव की राजनीति को साधने में लगे लालू 

सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को लालू प्रसाद से बिहार के कुछ कारोबारी व नेताओं ने मुलाकात की है। 2020 में बिहार विस का चुनाव होना है। इसे लेकर बड़े नेता विस क्षेत्रों से अपना टिकट सुनिश्चित करने के लिए लगातार लालू प्रसाद से मुलाकात करने में लगे है। रिम्स के पेइंग वार्ड से ही झारखंड के बाद अब बिहार के चुनाव की राजनीति संवारने में लालू प्रसाद यादव जुट गए हैं। उन्हें जेल प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। 

जेल से जब कोई बंदी बाहर जाता है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है। लालू से लगातार मुलाकात की शिकायतों के संबंध में जिला प्रशासन से बात कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। -शशि रंजन, आइजी, जेल। 

मैने किसी को कोई अनुमति नहीं दी। मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि लालू प्रसाद यादव से कौन-कौन मिले। जो सुनने में आया है कि दूसरे मरीज को देखने वाले आते-जाते लालू प्रसाद का हाल-चाल पूछ रहे हैं, इसे मुलाकात कैसे कह सकते हैं। -अशोक कुमार चौधरी, जेल अधीक्षक, बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार। 

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