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Jharkhand News: रांची में जगन्नाथपुर रथयात्रा होगा या नहीं, 24 जून को होगी सुनवाई... पढ़िए, हाई कोर्ट की बड़ी खबरें

Jharkhand News याचिका करने वालों का कहना है कि जब झारखंड में राजनीतिक सभाएं हो रही हैं तो कोरोना का हवाला देकर मेला आयोजन पर रोक क्यों लगा दिया गया है। रांची का मेला ऐतिहासिक है इसलिए इसे आयोजित करने का आदेश मिलना चाहिए।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 15 Jun 2022 10:19 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jun 2022 10:19 PM (IST)
Jharkhand News: रांची में जगन्नाथपुर रथयात्रा होगा या नहीं, 24 जून को होगी सुनवाई... पढ़िए, हाई कोर्ट की बड़ी खबरें

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में रांची के प्रसिद्ध जगन्नाथपुर मेला के आयोजन को लेकर दाखिल याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए मेंशन किया गया। अदालत ने प्रार्थी के जल्द सुनवाई के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 24 जून को निर्धारित की है। इस संबंध में अधिवक्ता धीरज कुमार ने याचिका दाखिल कर कहा है कि झारखंड सरकार कोरोना गाइडलाइन का हवाला देते हुए मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी है।

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दो जून को रांची के उपायुक्त ने आदेश जारी कर कहा है कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की अनुमति दी है लेकिन इसमें संख्या सीमित रखा गया है। इस बार रथयात्रा एक जुलाई को है, जबकि घुरती मेला नौ जुलाई को होगा। याचिका में कहा गया है कि ओडिशा सरकार ने पुरी में रथयात्रा मेले पर कोई रोक नहीं लगाई है। ऐसे में रांची में रथयात्रा मेले पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है।

रांची की रथयात्रा और मेला ऐतिहासिक है। यहां हर साल लाखों लोग आते हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इस मेले में झारखंड के कोने-कोने से विक्रेता आते हैं। यहां झारखंड के उत्पादों की बिक्री भी होती है। पारंपरिक सामान भी मिलते हैं। इस मेले से कई लोगों को रोजगार भी मिलता है। झारखंड सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी है इससे कई लोगों को रोजगार प्रभावित हो रहा।

यह भी कहा गया है कि कोरोना संक्रमण में कमी आई है। सरकार और जिला प्रशासन राजनीतिक सभा के लिए कोई प्रतिबंध नहीं लगा रहा है। कई राज्यों में क्रिकेट मैच भी हो रहे हैं। ऐसे में सरकार को मेले के आयोजन की अनुमति मिलनी चाहिए ताकि कोरोना काल में दो साल से बंद रथयात्रा और मेले में लोग शामिल होसकें। इसके लिए अधिवक्ता धीरज कुमार ने पूर्व में मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

एपीपी नियुक्ति मामले की सुनवाई अब खंडपीठ में होगी

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डा. एसएन पाठक की अदालत में एपीपी की नियुक्ति से संबंधित मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इससे संबंधित एक मामले की खंडपीठ में सुनवाई हो रही है। इसके बाद अदालत ने इस मामले को भी वहीं पर सुनवाई के लिए भेजने का निर्देश दिया। इस संबंध में राकेश कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि जेपीएससी की ओर से राज्य में एपीपी की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। परीक्षा सहित सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए परिणाम जारी कर दिया गया। लेकिन इस बीच राज्य सरकार ने नियुक्ति की अधियाचना को वापस ले लिया। अदालत को बताया कि बिना किसी कारण ही सरकार ने नियुक्ति को रद कर दिया। ऐसा करना उचित नहीं है। इस दौरान जेपीएससी की ओर से अदालत को बताया गया कि इससे संबंधित एक मामले की सुनवाई खंडपीठ में हो रही है। इस पर अदालत ने कहा कि उक्त मामले की सुनवाई भी वहीं होनी चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले को भी वहीं ट्रांसफर कर दिया।

मेयर के अधिकारों के मामले में नगर आयुक्त और सरकार से मांगा जवाब

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में हजारीबाग की मेयर की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने हजारीबाग नगर आयुक्त और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में हजारीबाग की मेयर रोशनी तिर्की की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान मेयर की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने अदालत को बताया कि हजारीबाग नगर निगम के आयुक्त नियमों के खिलाफ काम कर रहे हैं। वह जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं। उन्होंने मेयर की सहमति के बिना ही नगर निगम का करोड़ों का बजट पास कर दिया है। बैठक का एजेंडा तय करने में भी वह मेयर को विश्वास में नहीं ले रहे हैं। स्टैंडिंग कमेटी की बैठक बुलाए बिना ही एजेंडा तय किया जा रहा है। ऐसा करना उचित नहीं है। सुनवाई के बाद अदालत ने हजारीबाग के नगर आयुक्त और सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

महाधिवक्ता राजीव रंजन हुए कोरोना संक्रमित

राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन कोरोना संक्रमित हो गए हैं। मंगलवार को तबीयत खराब होने पर उन्होंने कोरोना संक्रमण की जांच कराई थी। इसके लिए उन्होंने सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच कराई थी। बुधवार की शाम को मिली रिपोर्ट में वह कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद से महाधिवक्ता अपने घर में ही आइसोलेट हो गए हैं।

बार काउंसिल ने सभी बार संघों से मांगी अधिवक्ताओं की सूची

झारखंड स्टेट बार काउंसिल की ओर से राज्य के सभी जिला बार संघों को पत्र लिखकर अधिवक्ताओं के बारे में जानकारी मांगी है। काउंसिल की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि सभी बार संघ अपने अधिवक्ता सदस्यों की सूची, उनके नाम, इनरोलमेंट नंबर, फोन नंबर, ई-मेल और हाल में लिए रंगीन फोटो काउंसिल को भेजा जाए। इसके लिए काउंसिल की ओर से एक निर्धारित प्रारूप भी भेजा गया है। जिसमें सारी सूचनाएं दी जानी है। उक्त कार्रवाई झारखंड स्टेट बार काउंसिल की मतदाता सूची को सुधारने के लिए किया जा रहा है। यदि किसी अधिवक्ता का विवरण और फोटो बार काउंसिल को नहीं प्राप्त होता है, तो उसे मत देने के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा। बार काउंसिल ने उक्त जानकारी 28 जून से पहले मांगी है।


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