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JAC, Jharkhand Board: जैक में बरपा हंगामा, लालच-धोखा के खेल ने उड़ाई अफसरों की नींद

जैक की वेबसाइट के समानांतर फर्जी वेबसाइट चल रहा है। जैक ने साइबर एसपी से कार्रवाई की मांग की है। यहां छात्रों को नामांकन से लेकर नौकरी दिलाने का लालच दिया जा रहा है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 10:29 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 07:05 PM (IST)
JAC, Jharkhand Board: जैक में बरपा हंगामा, लालच-धोखा के खेल ने उड़ाई अफसरों की नींद
JAC, Jharkhand Board: जैक में बरपा हंगामा, लालच-धोखा के खेल ने उड़ाई अफसरों की नींद

रांची, जासं। झारखंड एकेडमिक काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट के समानांतर फर्जी वेबसाइट इंटरनेट पर पर अपलोड है। यह ऑरिजनल की हूबहू नकल है। जो विद्यार्थियों में भ्रम फैला रहा है। लालच और धोखा के इस  खुले खेल में जैक, झारखंड जहां अपना सारा रिजल्ट अपनी अधिकारिक वेबसाइट-  डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जैक.झारखंड.जीओभी.इन पर जारी करता है। वहीं फर्जी वेबसाइट-डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जैकरिजल्ट्स.इन भी चोरी की तमाम सूचनाओं के आधार पर भ्रामक दावा करता रहता है। यह वेबसाइट जैक की वेबसाइट- डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जैकरिजल्ट्स.कॉम के डिजाइन के आधार पर तैयार किया गया है जो एक स्टिंग साइट है। जिस पर उपलब्ध जानकारी फर्जी, धोखाधड़ी से जुड़ी हो सकती है।

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जैक झारखंड ने अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को साइबर क्राइम एसपी को लिखित सूचना देते हुए इस फर्जी वेबसाइट को ब्लाॅक कराने की गुजारिश की है। शिकायत में कहा गया है कि संबंधित संस्था व व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई करें। जैक ने इसकी सूचना द नेशनल साइबर को-आर्डिनेशन सेंटर को भी दी है।  कहा गया है कि इस साइट के कारण जैक की छवि धूमिल होगी। 

ऐसे समझें फर्जी व ओरिजनल वेबसाइट को

यदि कोई व्यक्ति फर्जी वेबसाइट को ओपेन करता है तो वह सीधे अंकपत्र जारी करने वाले सेक्शन में पहुंच जाता है। यहां क्लास, रौल नंबर व पासवर्ड मांगा जाता है। ये तीनों चीज डालने पर फर्जी अंकपत्र जारी हो जाएगा। जबकि ऑरिजनल वेबसाइट ओपेन कर रिजल्ट वाले सेक्शन में जाने पर जैक द्वारा संचालित सभी परीक्षाओं का रिजल्ट होता है। इसमें क्लिक करने पर फैकल्टी, रौल कोड व रौल नंबर मांगा जाता है। ये सारी बातें डाल कर सबमिट करने पर ओरिजनल अंकपत्र आ जाता है। फर्जी वेबसाइट से अंकपत्र डाउनलोड करने में  रिसेट बाई ओर और सबमिट दायीं ओर रहता है जबकि ओरिजनल में ठीक इसका उल्टा है। 

जांच हुई तो नामांकन से लेकर नौकरी दिलाने वाले रैकैट का होगा खुलासा

जैक मैट्रिक, इंटरमीडिएट, मध्यमा, मदरसा, टेट, एनटीएसई सहित कई एकेडमिक व प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन करता है। अब जैक के सारे कार्य रजिस्ट्रेशन, फार्म भरने, रिजल्ट, स्क्रूटनी आदि आॅनलाइन ही होता है। छात्र-छात्राओं को जैक कार्यालय नहीं अाना पड़ता है। सभी प्रमाणपत्रों की जांच भी ऑनलाइन करने की व्यवस्था है। ऐसे में फर्जी वेबसाइट संचालित होने से छात्र-छात्राओं को ठगी का शिकार होने की पूरी संभावना बनी रहती है। फर्जी वेबसाइट बनाने वाली संस्था किसी को भी जैक द्वारा संचालित परीक्षा में उत्तीर्ण बताकर उसे फर्जी अंकपत्र देता होगा। फिर छात्रों को विश्वास दिलाने के लिए फर्जी वेबसाइट के माध्यम से अंकपत्र का सत्यापित भी करता हेागा कि यह ओरिजनल है। पूरी जांच होगी तो फर्जी अंकपत्र के आधार पर नामांकन से लेकर नौकरी दिलाने का एक बड़े रैकेट का खुलासा होगा। 

यूपी के संस्थान ने बनवाया फर्जी वेबसाइट

फर्जी वेबसाइट-डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जैकरिजल्ट्स.इन को उत्तर प्रदेश के किसी महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ने बनवाया है। जैक की आइटी सेल की टीम ने आइपी एड्रेस से छानबीन करना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ने ही फर्जी वेबसाइट बनवाया है। संभावना जताई जा रही है कि यह इंस्टीट्यूट अन्य बोर्ड का भी फर्जी वेबसाइट बनाकर फर्जी प्रमाणत्र जारी करता होगा। 

जैक की वेबसाइट के समांतर फर्जी वेबसाइट संचालित किया जा रहा है। ऐसे में कुछ भी गलत होने पर जैक की बदनामी होगी। इस संबंध में साइबर क्राइम एसपी को सूचना देते हुए इसे ब्लॉक करने का अनुरोध किया है। डॉ.  अरविंद प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, जैक


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