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उषा मार्टिन में कॉरपोरेट फ्रॉड, नहीं दे सकते पारिवारिक विवाद का नाम

उषा मार्टिन के प्रमोटरों में शामिल प्रशांत झवर ने चाचा और चचेरे भाई पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हमने गलत लोगों पर विश्वास कर लिया था। उनकी यूनिटें इसलिए बिकीं कि वहां वित्तीय गड़बड़ियां की जा रही थीं।

By Edited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 06:53 AM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 02:42 PM (IST)
उषा मार्टिन में कॉरपोरेट फ्रॉड, नहीं दे सकते पारिवारिक विवाद का नाम
उषा मार्टिन में कॉरपोरेट फ्रॉड, नहीं दे सकते पारिवारिक विवाद का नाम

रांची, राज्य ब्यूरो। उषा मार्टिन का स्टील कारोबार टाटा के हाथों में चले जाने के पीछे कोई पारिवारिक विवाद नहीं बल्कि कॉरपोरेट फ्रॉड है। ऊषा मार्टिन कंपनी के प्रमोटरों में शामिल रहे प्रशांत झवर ने राज्य की अग्रणी कंपनी के बिकने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कंपनी में फ्रॉड किया जा रहा था। यह मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में भी चल रहा है। मेरे पिताजी (बसंत झावर) और मैंने कुछ गलत लोगों पर विश्वास कर लिया था।

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उन्होंने अपने चाचा ब्रजकिशोर झवर और चचेरे भाई राजीव झवर का नाम लेते हुए कहा कि पिता बसंत कुमार झवर के विश्वास की इन्होंने हत्या कर दी थी। इस बारे में ब्रजकिशोर झवर और राजीव झवर का पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। प्रशांत झवर ने इसके पूर्व कहा कि अब कंपनी सही हाथों (टाटा) में पहुंची है।

प्रशांत झवर उषा मार्टिन में 28 फीसद शेयर के मालिक हैं। सोमवार को वे पत्रकारों से उषा मार्टिन विश्वविद्यालय को लेकर जानकारी देने के बाद कंपनी पर बातें कर रहे थे। झवर ने कहा कि हमने विश्वास करके पैसा लगाया था और उस विश्वास की हत्या हो गई। मामला कोर्ट में है और हम न्याय मिलने का इंतजार कर रहे हैं। कंपनी को बेचने की नौबत इसलिए आई कि कर्ज टर्न ओवर से अधिक होता जा रहा था और उत्पादन की सही सूचना से लेकर मुनाफे तक की संभावना नहीं दिख रही थी।

ऐसी परिस्थिति में कंपनी दिवालिया हो जाती। इसके पूर्व कंपनी से जुड़े लोगों और वित्तीय संस्थानों के हितों को देखते हुए बोर्ड ने टाटा के हाथों स्टील व्यवसाय सौंपने का निर्णय लिया। कहा-मेरे पिता अब 85 वर्ष के हो चुके हैं और उनका उसूल है कि जहां वित्तीय हेराफेरी अधिक हुई हो, उस कंपनी को बेच देना चाहिए। हमारी अन्य इकाइयां और पीयर ग्रुप भी तो हैं, वहां कहां बेचने की नौबत आ रही है।

ऊषा मार्टिन के स्टेक होल्डर्स, स्टाफ, कांट्रैक्टर आदि के हितों की रक्षा अब होगी। बैंकर्स कंपनी से अधिक उन लोगों पर विश्वास करते हैं जो कंपनी के पीछे खड़े होते हैं। ऐसे में बैंकों का विश्वास बनाए रखना अधिक जरूरी था। कहा जिस यूनिट में प्रबंधन की नीयत में खोट हो वह पनप नहीं सकती। अब अच्छा मैनेजमेंट आएगा तो बेहतर परिणाम भी मिलेगा।

नए कैंपस में जाएगा ऊषा मार्टिन विवि : प्रशांत झावर ने जानकारी दी कि ऊषा मार्टिन विवि अनगड़ा के सोसो में स्थित नए परिसर में खुलेगा। लगभग 30 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस परिसर में 1500 छात्रों के लिए हॉस्टल का भी प्रबंध होगा। विवि के आधे छात्र आवासीय होंगे। उन्होंने कहा कि स्तरीय शिक्षा को बढ़ाने के लिए विवि का प्रयास होगा।


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